TNT Full Form in Hindi – टी एन टी क्या है इसके गुण व उपयोग लिखिए
रासायन विज्ञान ने हमे कई महत्वपूर्ण पदार्थ दिए हैं। समय-समय पर नए-नए प्रयोगों से नए नए पदार्थ बनते रहते हैं जो मानव जाति के लिए कल्याणकारी भी साबित होते हैं। तो वहीं कुछ ऐसे पदार्थ भी हैं जिनका उपयोग बहुत खतरनाक साबित होता है। TNT Full Form in Hindi में हम ऐसे ही एक विस्फोटक पदार्थ की बात करने वाले हैं। आखिर TNT की खोज कैसे हुई? ऐसे बहुत से प्रश्न आप सभी के मन में उठ रहे होंगे, जिनका उत्तर जानने के लिए आप हमारे इस आर्टिकल तक आए हैं। आपकी सभी जिज्ञासाओं को हम आज अपने प्रश्नों के उत्तर से शांत करने वाले हैं।
हम आज जिन महत्वपूर्ण प्रश्नों की बात करने वाले हैं वे कुछ इस प्रकार होंगे की TNT Full Form in Hindi, TNT बनाने की विधि गुण व उपयोग लिखिए, Full Form of TNT, TNT Kya Hai, टी एन टी की फुल फॉर्म, TNT in Hindi क्या है, टीएनटी की खोज कैसे हुई? TNT की भौतिक विशेषताएं क्या हैं। TNT के उपयोग क्या क्या हैं? तथा अन्य भी कई महत्वपूर्ण प्रश्न हमने आज की चर्चा में शामिल किए हैं। आप आर्टिकल को अंत तक मन लगाकर पढ़ते रहें।
टी एन टी क्या है इसके गुण व उपयोग लिखिए। what is TNT?
TNT का पूरा नाम Trinitrotoluene होता है। यह एक ठोस विस्फोटक पदार्थ है जिसका प्रयोग अत्यधिक किया जाता है। यह पीले रंग का ठोस पदार्थ होता है।ट्राई नाइट्रो टोल्यूइन का आईयूपीएसी नाम 2-मेथिल -13,5-ट्रिनिटोबेंजेन होता हैं। इसका आणविक सूत्र C6H2(NO2)3CH3 होता है।
टीएनटी की खोज कैसे हुई? How was the TNT discovered?
TNT की खोज सर्वप्रथम सन 1863 में एक जर्मन के साइंटिस्ट जूलियस बिल ब्रांड्स ने की थी। इसकी खोज के उपरांत कई सालों तक इसका प्रयोग एक पीले रंग की dye के रूप में किया जाता रहा था। टीएनटी की विस्फोटक प्रकृति की खोज सन 1891 में वैज्ञानिक कार्ल हाउसमैनन के द्वारा की गई थी। इस खोज के पश्चात ट्राई नाइट्रो टॉल्यून काफी प्रसिद्ध हो गया।
टीएनटी की भौतिक विशेषताएं? What are the Physical properties of TNT?
अब हम अपने आर्टिकल TNT Full Form in Hindi में आपको TNT की भौतिक विशेषताओं के बारे में बताने जा रहे हैं। आप इन्हे ध्यानपूर्वक पढ़ें क्योंकि यह विद्यार्थियों के लिए काफी महत्वपूर्ण होते हैं –
- TNT हल्का पीला ठोस रंग का पदार्थ होता है।
- ट्राईनाइट्रोटोल्यूइन का मोलर द्रव्यमान132 g·mol−1 होता है।
- इसका घनत्व654 ग्राम/सेमी3 होता है।
- ट्राई नाइट्रो टोल्यूइन का गलनांक35 डिग्री सेल्सियस होता है। यदि इस मान को फरेहनाइट स्केल में बदले तो यह 176.63 डिग्री फारेनहाइट और केल्विन में यही मान 353.50 केल्विन होता है।
- इस ट्राई नाइट्रो टोल्यूइन का क्वाथनांक 240 डिग्री सेल्सियस होता है। यदि इस मान को फरेहनाइट स्केल में बदले तो यह 464 डिग्री फारेनहाइट और केल्विन में यही मान 1 केल्विन होता है।
- TNT कि घुलनशील तो 20 डिग्री सेंटीग्रेड पर13 g/L (20 °C) होती है।
- यह कार्बनिक विलायको जैसे कि ईथर, बेंजीन, एसीटोन, पायरिडिन आदि में विलय होता है।
- 20 डिग्री सेंटीग्रेड तापमान पर इसका वेपर प्रेशर 0002 mmHg होता है।
TNT के निर्माण की विधि बताइए
ट्राई नाइट्रो टॉल्यून एक विस्फोटक पदार्थ है। अपने आर्टिकल TNT Full Form in Hindi के माध्यम से हम आपको अब यह बताने जा रहे है की इसका निर्माण कैसे होता है।
TNT के निर्माण की दो विधियां प्रचलित हैं। पहली विधि में हम उसका निर्माण प्रयोगशाला में करते हैं और दूसरी विधि में हम उसका निर्माण औद्योगिक क्षेत्र की दृष्टि से फैक्ट्रियों में करते हैं। चलिए अब इन विधियों को एक-एक करके जान लेते हैं –
औद्योगिक निर्माण विधि:
जब उद्योगों में TNT का निर्माण किया जाता है तो इसमें तीन चरण की प्रक्रिया होती है। सर्व प्रथम चरण में Toluene का nitration कराया जाता है, जिसके लिए टॉल्विन की अभिक्रिया सल्फ्यूरिक अम्ल और नाइट्रिक अम्ल के मिश्रण के साथ कराई जाती है। इस अभिक्रिया के पश्चात मोनो नाइट्रो टॉल्यून उत्पाद के रूप में प्राप्त होता है। इस बने हुए उत्पाद को पृथक कर लिया जाता है और पुनः इसका नाइट्रेशन कराने के पश्चात डायनाइट्रो टॉल्यून का निर्माण होता है। आखिरी चरण में डीएनटी का पुनः anhydrous नाइट्रिक एसिड और ओलियम (oleum) की उपस्थिति में nitration कराते हैं जिससे हमें ट्राइनाइट्रोटोल्यूइन अर्थात टीएनटी प्राप्त होता है।
इसके पश्चात ट्राई नाइट्रो टॉल्यून को और अधिक स्थाई बनाने के लिए इसकी अभिक्रिया सोडियम सल्फाइट के विलयन से कराते है। ऐसा करने से टीएनटी के कम स्थाई वाले isomers अलग हो जाते हैं।
प्रयोगशाला विधि:
लैब में ट्राई नाइट्रो टोल्यूइन के निर्माण की प्रक्रिया दो चरणों में पूरी होती है। पहले चरण में toluene का नाईट्रेशन करके इसे mono और di nitro toluene में बदल लेते हैं। नाइट्रेशन की क्रिया को पूर्ण कराने के लिए यहां पर सांद्र सल्फ्यूरिक एसिड और नाइट्रिक एसिड का प्रयोग किया गया है।
अगले चरण में अब प्राप्त ट्राई नाइट्रो टोल्यूइन की अभिक्रिया तनु सोडियम बाई कार्बोनेट से कराते हैं। ऐसा करने से नाइट्रोजन के ऑक्साइड की अशुद्धि दूर हो जाती है।
ट्राई नाइट्रो टोल्यूइन का वातावरण पर प्रभाव?
टीएनटी का वातावरण वातावरण पर क्या प्रभाव पड़ने वाला है यह हम आपको अपने आर्टिकल TNT Full Form in Hindi में प्वाइंट टू प्वाइंट बताएंगे। हम आपको सरल भाषा में समझाने का प्रयास करेंगे।
- TNT पीने के पानी को बुरी तरीके से प्रभावित करता है। यह पीने के पानी को विषाक्त कर देता है जिससे विभिन्न प्रकार की बीमारियां उत्पन्न होती हैं।
- जो मनुष्य काफी लंबे समय से ट्राई नाइट्रो टॉल्यून के संपर्क में रहते हैं, वे एनीमिया जैसी बीमारियों और लिवर की खराबी को झेलने के लिए मजबूर हो जाते हैं।
- जो जानवर TNT का सेवन कर लेते हैं उनमें रक्त और लीवर की बीमारियां देखने को मिलती हैं। इसके अलावा इम्यूनिटी सिस्टम पर भी काफी प्रभाव पड़ता है।
- TNT कंज्यूम करने से मूत्र का रंग लाल हो जाता है।
TNT के उपयोग
अब हम आपको अपने आर्टिकल TNT Full Form in Hindi के इस पैराग्राफ के अंतर्गत ट्राई नाइट्रो toluene के विभिन्न उद्योगों के बारे में विस्तार से चर्चा करने वाले हैं। TNT के उपयोग निम्नलिखित हैं –
- TNT का सबसे ज्यादा उपयोग विस्फोटक के रूप में किया जाता है। मिलिट्री और आर्मी के सोल्जर के द्वारा टीएनटी का इस्तेमाल किया जाता है।
- TNT का इस्तेमाल hydraulic drilling में तेल ईंधन के extraction के समय किया जाता है।
- इसका प्रयोग विभिन्न प्रकार के उत्पादों के संश्लेषण में अभिकर्मक के रूप में किया जाता है।
निष्कर्ष (Conclusion)
हमने अपने आज के आर्टिकल TNT Full Form in Hindi में जाना की TNT क्या है, इसको बनाने की कितनी विधियां होती हैं। हमारे कहने का आशय यह है कि आज हमने trinitrotoluene के बारे में विस्तार से चर्चा की है। किसी भी पैराग्राफ में यदि आपको कोई भी संशय है तो आप बेझिझक अपने प्रश्न को आर्टिकल के अंत में दिए कमेंट सेक्शन में हमसे पूछ सकते हैं।
Ahshanti Supon