संघनन किसे कहते हैं इसकी परिभाषा, प्रकार (Condensation in Hindi)
नमस्कार दोस्तों आपका हमारी वेबसाइट हिंदी केमिस्ट्री में बहुत स्वागत है। आज हम आपको संघनन के बारे में बताएंगे कि संघनन किसे कहते हैं। संघनन एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें कोई प्रस्तावित होकर liquid में बदल जाती है परंतु प्रत्येक गैस का संघनन के process दिखाने का अलग-अलग ताप हो सकता है। आपको मौसम के बदलाव के समय भी संग्रह की प्रक्रिया देखने को मिल सकती है इसके लिए आपको हमारा यह आर्टिकल ध्यान से पढ़ना होगा। रसायन विज्ञान में एक यंत्र condensor जिसे संघनित्र कहते हैं जिसका प्रयोग संघनन के लिए किया जाता है। आपको हमारे आर्टिकल के अंडर में है उसके बारे में पढ़ने को मिलेगा।
आज हम आपको जिन प्रश्नों के बारे में बताने जा रहे हैं उनमें सबसे मुख्य प्रश्न है कि संघनन किसे कहते हैं?, संघनन के लिए काम करते हैं, संघनन कितने प्रकार के होते हैं? संघनन क्यों होता है? संघनन क्या है ? Condensation in hindi आदि। यदि आज आप इन प्रश्नों को हमारे इस लेख के माध्यम से तैयार कर लेते हैं तो संघनन से संबंधित आपके सभी महत्वपूर्ण प्रश्न तैयार हो जाएंगे और आप परीक्षा में अच्छे से प्रश्नों को देख पाएंगे। तो चलिए बिना किसी देर किए शुरू करते हैं आज का महत्वपूर्ण लेख।
संघनन किसे कहते हैं? Condensation in hindi
जब कोई गैस तरल पदार्थ में परिवर्तित होती है तब इस स्थिति को संघनन (Condensation) कहा जाता है। अर्थात संघनन एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें कोई गैस संगठित होकर अर्थात ठंडी होकर द्रव अवस्था में बदल जाती है संघनन कहलाता है। संघनन किसे कहते हैं कि अन्य परिभाषा इस प्रकार दी जा सकती है कि यह वह प्रक्रिया है जिसमें जलवाष्प का रूपांतरण जल के रूप में हो जाता है। अर्थात जलवाष्प से जल बन जाता है।
संघनन कितने प्रकार के होते हैं?
संघनन के प्राया चार प्रकार देखे गए हैं जो कि हमने अपने इस लेख संघनन किसे कहते हैं में विस्तार से बताएं हैं आप उन्हें आसानी से समझ सकते हैं। ये प्रकार निम्नलिखित दिए गए हैं –
ओस
जब वायु में उपस्थित जलवाष्प कंडेंसेशन होकर अर्थात संघनित होकर कुछ पदार्थों जैसे कि पत्थर घास पेड़ पौधों की पत्तियों आदि पर जमा हो जाती है तो इसे ओस कहा जाता है। ओस को इंग्लिश में ड्यू (dew) कहते हैं।
बादल
जब यह संघनन की प्रक्रिया अधिक ऊंचाई पर मौजूद ह्यूमिडिटी (Humidity) सेंटर्स के चारों तरफ होती है तो यह बादलों का निर्माण कर लेती है। जब बादलों का निर्माण होता है तब इसमें जल और बर्फ के टुकड़े बन जाते हैं अर्थात जल और बर्फ के टुकड़ों को मिलाकर बादलों का निर्माण होता है। जब ये बदल ठन्डे हो कर भरी हो जाते है तब ये अपने अंदर की नमी को काम करने के लिए वर्षा के रूप में जल की बौछार करते हैं ,जिसे बारिश कहते हैं।
कोहरा
कोहरा भी संघनन की प्रक्रिया का एक प्रकार है। ठंडो के मौसम में यह आपको देखने को मिलता है। जब यह संघनन अर्थात जिसे अंग्रेजी में condensation भी कहते हैं, सतह में मौजूद आद्रता ग्रहण करने वाले केंद्रों के चारों तरफ होती है तो कोहरे का निर्माण हो जाता है। जब कोहरे का निर्माण होता है तब इसके प्रभाव से हमें कम दिखाई देने लगता है क्योंकि यह एक धुंध के रूप में चारों तरफ फैल जाता है। जब धोएं की उपस्थिति कोहरे में पाई जाती है तो उसे हम धूम्र कोहरा कहते हैं।
जब कोहरे में आद्रता बहुत अधिक मात्रा में होती है तब इसे कुहासा कहा जाता है और एक वह आशा ज्यादातर पहाड़ी इलाकों में बनता है।
तुषार
यह भी संघनन की प्रक्रिया से ही बनता है इसे पाला अथवा हिमकण भी कहा जाता है। यह तुषार का निर्माण तब होता है जब हमारे धरातल के समीप की वायु का temperature जल के हिमांक बिंदु जीरो डिग्री सेंटीग्रेड से नीचे गिर जाता है, तब पेड़ पौधों एवं धरातल की सतह पर जो जल उपस्थित होता है वह जमने लगता है तब तुषार का निर्माण होता है।
दोस्तों आपकी जानकारी के लिए बता दें हिमांक बिंदु होता वह ताप होता है जिस पर जल जमना अर्थात freez होना प्रारंभ कर देता है। अतः जल का हिमांक बिंदु जीरो डिग्री सेंटीग्रेड होता है।
संघनन होने के क्या कारण हैं?
चलिए अब आपको हम कुछ मुख्य कारण बताते हैं जो संघनन की क्रिया को करने के लिए जिम्मेदार होते हैं। संघनन किसे कहते हैं और संघनन कितने प्रकार के होते हैं जानने के बाद चलिए जान लेते हैं संघनन होने के कारण –
- यह प्रक्रिया तब हो सकती है जब वायुमंडल में उपस्थित वायु लगातार ऊपर उठ कर शीतल हो जाए।
- इस प्रक्रिया का अन्य कारण यह भी हो सकता है कि ऐसी वायु जो बिल्कुल नमी से भरी हुई हो और वह किसी पर्वत या विशाल पहाड़ के सहारे अधिक ऊंची उठकर एकदम ठंडी हो जाए।
- एक तीसरा कारण भी संघनन की प्रक्रिया को करने में जिम्मेदार होता है वह यह है जब ठंडी वायु और गर्म वायु किसी प्रकार आपस में मिल जाए तब संघनन की क्रिया देखने को मिलती है।
संघनित्र किसे कहते हैं?
एक ऐसा यंत्र होता है जो किसी गैस को condensed अर्थात संघनित करके उसे द्रव में बदल देता है। चंदन इत्र का प्रयोग कई जगह देखने को मिलता है। उदाहरण के लिए बताएं तो बिजली उत्पादन के समय टरबाइन से निकलने वाली भाप को संघनित करने के लिए संघनित्र यंत्र का प्रयोग किया जाता है। इसके अलावा पैट्रोलियम इंडस्ट्री तथा अन्य उद्योगों में हाइड्रोकार्बन जैसे ऑर्गेनिक रसायनों को संघनित करने के लिए संघनित्र का प्रयोग किया जाता है।संघनित्र कई प्रकार के हो सकते हैं जैसे कि तल संघनित्र (Surface Condensor) और सीधे कांटेक्ट वाले संघनित्र (Direct contact Condensor)
निष्कर्ष
दोस्तों आज के लेख में आपने जाना कि संघनन किसे कहते हैं?, संघनन कितने प्रकार के होते हैं, संघनन की परिभाषा क्या है, संघनन के लिए काम करते हैं। आपको जानकर आश्चर्य होगा कि यह ऐसे महत्वपूर्ण प्रश्न है जो पिछली परीक्षाओं में बार-बार पूछे जाते हैं। आशा करते हैं आपको हमारे यह लेख पसंद आया होगा। इससे संबंधित आपका कोई भी प्रश्न शेष है तो आप हमें कमेंट सेक्शन में पूछ सकते हैं हम आपके प्रश्न का उत्तर देने के लिए सदैव तत्पर रहते हैं।