सम आयन प्रभाव क्या है? परिभाषा तथा उदाहरण सहित समझाइये

सम आयन प्रभाव क्या है
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साबुनीकरण क्या है?

सम आयन प्रभाव की परिभाषा (सम आयन प्रभाव क्या है?)

यदि किसी दुर्बल वैद्युत अपघट्य के विलयन में सम आयन वाला एक दूसरा प्रबल वैद्युत अपघट्य मिलाया जाता है। तो दुर्बल वैद्युत अपघट्य के आयनन की मात्रा कम हो जाती है। इस प्रभाव को सम आयन प्रभाव कहते हैं। निम्नलिखित उदाहरण द्वारा इसे स्पष्ट किया जा सकता है। अमोनियम हाइड्रोक्साइड (NH4OH) एक दुर्बल विद्युत अपघट्य है। जिसका आयनन निम्न प्रकार होता है।

NH4OH ⇌ NH+4 + OH

जब NH4OH के विलयन में NH4Cl मिलाते हैं तो NH4OH के आयनन की मात्रा कम हो जाती है। क्योंकि NH4Cl एक प्रबल विद्युत अपघट्य होने के कारण विलयन में NH+4 अधिक आयन देता है। NH+4 आयनों का सांद्रण बढ़ने से साम्यावस्था पर भी प्रभाव पढ़ता है और इस प्रभाव से साम्यावस्था डिस्टर्ब हो जाती है। अतः इसकी पूर्ण साम्यावस्था स्थापित करने के लिए व समीकरण में Kb का मान स्थिर रखने के लिए OH आयन का सांद्रण कम हो जाता है। यह तब संभव हो पाता है जब अनआयनित NaOH की सांद्रता बढ़ती है। अतः उत्क्रम दिशा में क्रिया के होने से NH4OH की आयनन की मात्रा कम हो जाती है। इसी तरह से CH3COONa की उपस्थिति में CH3COOH के आयनन की मात्रा घट जाती है। NH4OH एक दुर्बल विद्युत अपघट्य होता है। अतः यह विलयन में कम आयनित होता है।

NH4OH ⇌ NH+4 + OH

साधारण रूप से विद्युत अपघट्यों में जो आयन सामान होता है उसे सम आयन के नाम से जानते हैं। जब किसी दुर्बल विद्युत अपघट्य के विलयन में सम आयन वाला दूसरा विद्युत अपघट्य मिलाया जाता है। तो इससे दुर्बल विद्युत अपघट्य के आयनन की मात्रा घट जाती है। इस प्रकार के सम आयन के प्रभाव को सम आयन प्रभाव या उभयनिष्ठ आयन प्रभाव (Common ion effect) कहते हैं।

सम आयन प्रभाव के उदाहरण

हमने आपको ऊपर के लेख में सम आयन किसे कहते हैं। इसके बारे में विस्तार के साथ बताया है। इस टॉपिक को परीक्षा में किसी और तरह से भी पूछा जा सकता है जैसे सम आयन प्रभाव पर टिप्पणी लिखिए या सम आयन प्रभाव की व्याख्या कीजिए। अब हम आपको सम आयन प्रभाव के कुछ उदाहरण के बारे में बताते हैं। सम आयन प्रभाव के कुछ उदाहरण निम्नलिखित हैं।

  1. विद्युत अपघट्य के विलयन में सोडियम एसिटेट (CH3COONa) की उपस्थिति में एसीटिक अम्ल (CH3COOH) की आयनन की मात्रा घट जाती है।

CH3COONa ⇌ Na+ + CH3COO

CH3COOH ⇌ H+ + CH3COO

इस अभिक्रिया में एसीटेट आयन (CH3COO) सम आयन है। क्योंकि इस अभिक्रिया में CH3COOH एक दुर्बल विद्युत अपघट्य है। जबकि सोडियम एसीटेट (CH3COONa) एक प्रबल विद्युत अपघट्य है। अतः दुर्बल विद्युत अपघट्य के विलयन में सम आयन वाला जब प्रबल विद्युत अपघट्य मिलाते हैं तब CH3COOH के आयनन की मात्रा घट जाती है। इसी प्रभाव को हम सम आयन प्रभाव कहते हैं। 

  2. अमोनियम क्लोराइड NH4Cl की उपस्थिति में अमोनियम हाइड्रोक्साइड NH4OH की मात्रा घट जाती है। क्योंकि यहाँ अमोनियम आयन NH+4 सम आयन है।

NH4Cl ⇌ NH+4 + Cl

NH4OH ⇌ NH+4 + OH

अतः NH+आयन की सांद्रता अधिक होने के कारण NH4OH का आयनन, सम आयन प्रभाव्फ़ के कारण कम हो जाता है। जिसके फलस्वरूप OH आयन का सांद्रण कम हो जाता है।

सम आयन प्रभाव के उदाहरण

सम आयन प्रभाव के अनुप्रयोग

इससे ऊपर के लेख में हमने आपको सम आयन किसे कहते हैं। इसके बारे में विस्तार के साथ बताया इसके साथ साथ हमने आपको सम आयन प्रभाव के उदाहरण के वारे में विस्तार के साथ बताया। अब हम आपको सम आयन प्रभाव के अनुप्रयोग कौन कौन से होते हैं इसके बारे में बताते हैं। सम आयन प्रभाव के अनुप्रयोग निम्नलिखित हैं।

सम आयन प्रभाव गुणात्मक विश्लेषण में अत्यधिक उपयोगी साबित होता है। उदाहरण के लिए द्वितीय वर्ग में HCl प्रबल अम्ल की उपस्थिति में हाइड्रोजन सल्फाइड H2S दुर्बल अम्ल की आयनन की मात्रा घट जाती है। इसमें हाइड्रोजन आयन (H+) सम आयन होता है।

विल्कुल इसी प्रकार से तृतीय वर्ग अमोनियम क्लोराइड (NH4Cl) लवण की उपस्थिति में अमोनियम हाइड्रोक्साइड (NH4OH) की मात्रा घट जाती है। इसमें अमोनियम आयन (NH+4) सम आयन है।

सम आयन प्रभाव के अनुप्रयोग

टिंडल प्रभाव क्या है

निष्कर्ष

दोस्तों आज के इस आर्टिकल में हमने आपको सम आयन प्रभाव क्या है? सम आयन प्रभाव की परिभाषा क्या होती है। इसके बारे में विस्तार के साथ बताया है। इसके साथ साथ हम आपको सम आयन प्रभाव के उदाहरण के बारे में विस्तार के साथ बताया है। यह एक बहुत महत्वपूर्णटॉपिक है। इस टॉपिक के बारे में केमिस्ट्री के सभी स्टूडेंट्स को पता होना चाहिए। इसी प्रकार के महत्वपूर्ण टॉपिक की जानकारी हम अपनी इस वेबसाइट पर देते रहते हैं। इसी प्रकार के अन्य महत्वपूर्ण टॉपिक की जानकारी पाने के लिए जुड़े रहिए हमारी हिंदी केमिस्ट्री की इस वेबसाइट के साथ तब तक के लिए धन्यवाद।

 

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