प्रथम कोटि की अभिक्रिया किसे कहते हैं? सूत्र, उदाहरण, तथा वेग स्थिरांक
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प्रथम कोटि की अभिक्रिया क्या है?
किसी अभिक्रिया के अभिकारकों के अणुओं या परमाणुओं की वह संख्या जो अभिक्रिया की दर को निर्धारित करती है। अभिक्रिया की कोटि कहलाती है। अब हम आपको प्रथम कोटि की अभिक्रिया के बारे में बताते हैं तो विना किसी देरी के आइए जानते हैं। प्रथम कोटि की अभिक्रिया किसे कहते हैं।
प्रथम कोटि की अभिक्रिया वह अभिक्रिया होती है जिसका वेग केवल एक अभिकारक की जो सांद्रता होती है उसके समानुपाती होता है। ऐसी अभिक्रिया प्रथम कोटि की कहलाती है। इसी अभिक्रिया को यदि हम दूसरे शब्दों में समझें तो ऐसी अभिक्रिया जिसकी दर, केवल एक अभिकारक के सांद्रता के बराबर होती है। ऐसी अभिक्रिया को हम प्रथम कोटि की अभिक्रिया के नाम से जानते हैं। या हम इस अभिक्रिया को इस प्रकार भी समझ सकते हैं। वह रासायनिक अभिक्रिया जिसका वेग अभिक्रिया अभिकारक की सांद्रता के प्रथम घात के समानुपाती होता है उसे प्रथम कोटि की अभिक्रिया (first order reaction) के नाम से जानते हैं। नीचे लिखी अभिक्रिया में केवल शक्कर (sugar) के अणुओं के सांद्रता ही बदलती है। अतः यहाँ प्रथम कोटि की अभिक्रिया होगी।
(शक्कर) C12H22O11 + H2O _तनु HCL__> C6H12O6 + C6H12O6 (ग्लूकोस + फ्रुक्टोज)
प्रथम कोटि की अभिक्रिया का सूत्र
इससे ऊपर के आर्टिकल में हमने आपको प्रथम कोटि की अभिक्रिया किसे कहते हैं? या प्रथम कोटि की अभिक्रिया क्या होती है? इसके बारे में विस्तार के साथ बताया है। अब हम आपको प्रथम कोटि की अभिक्रिया का सूत्र क्या होता है। इसके बारे में विस्तार के साथ बताते हैं। प्रथम कोटि की अभिक्रिया का सूत्र निम्न प्रकार है।
माना प्रथम कोटि की अभिक्रिया निम्न प्रकार है।
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यह अभिक्रिया प्रथम कोटि की अभिक्रिया है। अतः इस अभिक्रिया का वेग अभिकारक की सांद्रता के प्रथम घात के समानुपाती है।
अभिक्रिया का वेग
यह प्रथम कोटि की अभिक्रिया का वेग स्थिरां समीकरण है। इस समीकरण को प्रथम कोटि का गतिक समीकरण भी कहते हैं। प्रथम कोटि के वेग स्थिरांक का मात्रक प्रति सेकेंड (1/sec) या प्रति मिनट (1/minut) होता है।
प्रथम कोटि की अभिक्रिया का मात्रक तथा वेग स्थिरांक
आपको ऊपर के आर्टिकल में हमने प्रथम कोटि की अभिक्रिया किसे कहते हैं? तथा प्रथम अभिक्रिया की अभिक्रिया का सूत्र क्या होता है इसके बारे में विस्तार के साथ बताया है। अब हम आपको प्रथम कोटि की अभिक्रिया का मात्रक क्या होता है? तथा प्रथम कोटि की अभिक्रिया का वेग स्थिरांक क्या होता है? इसके बारे बताते हैं। यदि हम बात करें प्रथम कोटि की अभिक्रिया के मात्रक की तो इसका मात्रक ऊपर लिखे सूत्र के अनुसार, प्रति सेकेंड(1/sec) या सेकेंड इनवर्स (sec-1) होता है। इसका मात्रक प्रति मिनट (1/minut) या मिनट इनवर्स (minut-1) भी होता है। ऊपर लिखे सूत्र में k प्रथम कोटि की अभिक्रिया का वेग स्थिरांक है।
प्रथम कोटि की अभिक्रिया के उदाहरण
प्रथम कोटि की अभिक्रिया के उदाहरण निम्लिखित हैं।
- अमोनियम नाइट्रेट का विघटन
- H2O2 की Pt की उपस्थिति में अभिक्रिया
प्रथम कोटि की अभिक्रिया के लक्षण
हमने आपको ऊपर के लेख में प्रथम कोटि की अभिक्रिया क्या है? प्रथम कोटि की अभिक्रिया का सूत्र क्या होता है? इसके बारे में विस्तार के साथ बताया है। इसके साथ साथ हमने आपको प्रथम कोटि की मात्रक, वेग स्थिरांक तथा प्रथम कोटि की अभिक्रिया के उदाहरण के बारे में विस्तार के साथ बताया है। अब हम आपको प्रथम कोटि की अभिक्रिया के लक्षण के बारे में बताते हैं। प्रथम कोटि की अभिक्रिया के लक्षण निम्नलिखित हैं।
- प्रथम कोटि की अभिक्रियाओं का मात्रक प्रति सेकेंड (sec-1) या प्रति मिनट (minut-1) होता है।
- यह इसका सूत्र होता है। जहाँ k वेग स्थिरांक है। a प्रारंभिक सांद्रता है। a-x समय पश्चात सांद्रता है।
- प्रथम कोटि की अभिक्रिया के अर्धायुकाल तथा वेग स्थिरांक में सम्बन्ध का सूत्र निम्नलिखित होता है।
निष्कर्ष
दोस्तों आज के इस आर्टिकल में हमने आपको प्रथम कोटि की अभिक्रिया किसे कहते हैं? प्रथम कोटि की अभिक्रिया का सूत्र क्या होता है? तथा प्रथम कोटि की अभिक्रिया का उदाहरण क्या होता है? इसके बारे में विस्तार के साथ बताया है। इसके साथ साथ हमने आपको प्रथम कोटि की अभिक्रिया का मात्रक क्या होता है? तथा प्रथम कोटि की अभिक्रिया का वेग स्थिरांक क्या होता है? इसके बारे में विस्तार के साथ बताया है। यह एक महत्वपूर्ण टॉपिक है। इसी प्रकार के महत्वपूर्ण टॉपिक की जानकारी हम अपनी इस वेबसाइट पर देते रहते हैं। इसी प्रकार के अन्य महत्वपूर्ण टॉपिक की जानकारी पाने के लिए जुड़े रहिए हमारी हिंदी केमिस्ट्री की इस वेबसाइट के साथ तब तक के लिए धन्यवाद।