गलनांक किसे कहते हैं इसकी परिभाषा और उदाहरण बताइए
किसी पदार्थ की बहुत सारी विशेषताएं होती है। कुछ विशेषताएं भौतिक होती हैं तो कुछ रसायनिक विशेषताएं होती हैं। भौतिक विशेषताओं में हम किसी पदार्थ के गलनांक, क्वाथनांक, उसके घनत्व, रंग, उसकी जालक प्रवृत्ति आदि के बारे में बात करते हैं। रासायनिक विशेषताओं में उस पदार्थ की अन्य पदार्थ के साथ रासायनिक अभिक्रिया के बारे में बात करते हैं। आज हम इस लेख में आपको बताएंगे की गलनांक किसे कहते हैं? सामान्यता यदि आप जानते हो तो किसी पदार्थ के गलने को गलन कहा जाता है। परंतु गलन और गलनांक में काफी अंतर है, जो आपको हमारे इस लेख के माध्यम से पता चलेगा।
आज हम जिन प्रश्नों की बात करने वाले हैं बे कक्षा 9, कक्षा 10, कक्षा 11th तथा कक्षा 12 में निरंतर पूछे जाते रहे हैं। यह प्रश्न कुछ इस प्रकार से है जैसे कि गलनांक किसे कहते हैं, गलनांक को प्रभावित करने वाले कौन से कारक हैं, दाब का किसी पदार्थ के गलनांक पर क्या प्रभाव पड़ता है, किसी पदार्थ का ठोस अवस्था से द्रव अवस्था में बदलने का क्या कारण रहता है। रसायन विज्ञान के छात्रों से निवेदन है कि आर्टिकल को बहुत ध्यान से पढ़ें ताकि यदि किसी परीक्षा में इनसे संबंधित कोई प्रश्न आए तो वह आपसे शेष ना रह जाए। तो चलिए बिना किसी डर के शुरू करते हैं अपना आज का महत्वपूर्ण आर्टिकल।
गलनांक किसे कहते हैं? Melting Point in Hindi
गलनांक उस ताप को कहते हैं जिसपर कोई पदार्थ गलने लगता है अर्थात ठोस से पिघलकर द्रव में बदल जाता है। अर्थात वह निश्चित ताप जिस पर कोई ठोस पदार्थ द्रव अवस्था में परिवर्तित हो जाता है उस पदार्थ का गलनांक कहलाता है।
पदार्थ की ठोस अवस्था से द्रव अवस्था में परिवर्तन का कारण
वैज्ञानिक तथ्यों पर आधारित परिभाषा गलनांक किसे कहते हैं समझने के बाद अब प्रश्न यह उठता है कि आखिर ऐसा क्यों होता है कि कोई पदार्थ एक निश्चित ताप पर ही ठोस अवस्था से द्रव अवस्था में बदलता है। इस बात को समझने के लिए हम गतिज ऊर्जा सिद्धांत का सहारा लेते हैं जिसके मुताबिक जब हम किसी ठोस पदार्थ को गर्म करते हैं तब उसमें उपस्थित अणुओं की गतिज ऊर्जा में वृद्धि होती है। जब ठोस के अणुओं की गतिज ऊर्जा में वृद्धि हो जाती है तब इनके अणु आपस में तेजी से कंपन करने लगते हैं।
ताप पाकर यह अणु आपस में तेजी से टकराने लगते हैं जिस कारण अणुओं के मध्य की दूरी बढ़ जाती है। आपको बता दें कि ठोस पदार्थों के अणुओं के मध्य बहुत कम स्थान होता है जबकि द्रव अवस्था के पदार्थों के अणुओं के मध्य काफी स्थान होता है। जब कंपन कर रहे ठोस के अणुओं को लगातार ऊर्जा मिलती है तभी ये अणु आपस के अंतरा आणविक बल को तोड़कर पार निकल जाते हैं और प्रबल आकर्षण बल से मुक्त हो जाते हैं। जिस कारण यह अणु एक दूसरे से काफी दूर चले जाते हैं और फिर एक ताप ऐसा आता है कि जिस पर यह ठोस पदार्थ पिघल जाता है और इनके अणुओं के मध्य की दूरी भी काफी बढ़ जाती है और वह ताप गलनांक कहलाता है।
बर्फ का गलनांक कितना है?
एक वायुमंडलीय दाब अर्थात 1 Atmospheric Pressure पर बर्फ का गलनांक जीरो डिग्री सेंटीग्रेड (0⁰ C) होता है। जब पानी अपने द्रव अवस्था से ठोस अवस्था में बदलता है तब इस ठोस अवस्था को हम बर्फ कहते हैं। जीरो डिग्री सेंटीग्रेड तापमान पर जल बर्फ में बदलने लगता है और इस तापमान पर ही बर्फ, जल में बदलने लगता है। आपकी जानकारी के लिए हम आपको यह भी बता दें की जल का हिमांक 0⁰ C होता है।
जल का गलनांक जीरो डिग्री सेंटीग्रेड होता है।
गलनांक को प्रभावित करने वाले कारक
अब हम कुछ ऐसे factors के बारे में आपसे अपने आर्टिकल गलनांक किसे कहते हैं में बात करेंगे जो किसी पदार्थ का गलनांक को प्रभावित करने में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इन कुछ महत्वपूर्ण फैक्टर इसको आप याद कर ले क्योंकि बोर्ड परीक्षा में यह बार-बार पूछे जाते हैं। किस को प्रभावित करने वाले कारक निम्न प्रकार है –
दाब (Pressure)
कुछ पदार्थ प्रकृति में ऐसे पाए जाते हैं जो गलने पर सिकुड़ (संकुचित) जाते हैं। उदाहरण के लिए जैसे कि रबड़। जब हम इन पदार्थों पर दाब का मान बढ़ा देते हैं तब इनके गलनांक का मान घट जाता है। इसका एक साधारण सा कारण है कि अधिक दाब पर इन पदार्थों में संकुचन होता है जिससे पदार्थ को गलाने में यह दाब सहायक होता है।
कुछ पदार्थ प्रकृति में ऐसे पाए जाते हैं जो गलने पर फैलते हैं। ऐसे पदार्थों में जब दाब की वृद्धि करते हैं तब यह दाब उनके गलनांक के मान में वृद्धि कर देता है। इन पदार्थों में जैसे कि मोम आदि आते हैं।
समझाइए कि गलनांक और क्वथनांक पर किसी पदार्थ का ताप निश्चित क्यों रहता है?
गलनांक तथा क्वथनांक पर जब तक की संपूर्ण पदार्थ उबलता अथवा पिघलता है तब तक ताप निश्चित रहता है क्योंकि प्रदान की जा रही ऊष्मा पदार्थ की अवस्था परिवर्तन के समय उसमें उपस्थित bonds को तोड़ने में लगातार प्रयोग होती है।
हम अपने आर्टिकल गलनांक किसे कहते हैं (Melting Point Kya Hai) के माध्यम से आपको एक बात और बताना चाहते हैं कि वह उसमें जो पदार्थ की अवस्था बदलने में प्रयुक्त होती है, उस पदार्थ की गलन की गुप्त ऊष्मा या वाष्पन की गुप्त ऊष्मा कहलाती है।
उर्ध्वपातन किसे कहते हैं?
एक ऐसी क्रिया है जिसमें किसी पदार्थ को गर्म करने पर वह द्रव अवस्था में बदले बिना सीधे वाष्प अवस्था में बदल कर भाप बनकर उड़ जाता है, उर्धवपातन कहलाता है। नौसादर हमारी रोजाना के जीवन मे बहुत काम आता है जैसे कुछ बीमारियों के इलाज मे, साथ ही यह जानवरों के इलाज मे भी काम आती है।
नौसादर एक ऐसा पदार्थ है जिसे आप जब गर्म करते हैं तो यह पिघलता नहीं है बल्कि सीधे भाप बनकर उड़ जाता है। नौसादर आपको आसानी से किसी पंसारी की दुकान पर भी मिल जाएगा। इसके अलावा कुछ ग्राम आयोडीन को गर्म करते हैं तो यह भी बिना पिघले भाप बनकर उड़ जाती है।
निष्कर्ष
आज के इस महत्वपूर्ण लेख में हमने गलनांक की परिभाषा तथा गलनांक किसे कहते हैं पर विशेष ध्यान दिया साथ ही आपने जाना की बर्फ का गलनांक कितना है। पदार्थों की कुछ मुख्य बातें जैसे की गलनाक, क्वथनांक, हिमांक आदि ऐसे महत्वपूर्ण कारक है जो प्रतियोगी परीक्षाओं में अक्सर पूछ लिए जाते हैं अतः इसलिए ही हम आज का यह लेख लेकर आए। आशा करते हैं आपको आज बताई गई सभी बातें अच्छे से समझ में आई होंगी। किसी भी डाउट को पूछने के लिए आप हमें कमेंट सेक्शन में अपना प्रश्न पूछ सकते हैं।