अयस्क किसे कहते हैं और यह कितने प्रकार के होते हैं?
धातुएं निष्कासन से पहले अशुद्ध अवस्था में पाई जाती हैं, सुप्रभात में प्राप्त करने के लिए हमें इनका शोधन करना अति आवश्यक होता है। धातु है जिस पदार्थ से प्राप्त होती हैं वह खनिज कहलाता है, परंतु जिस प्रकार से धातु है बहुत ही कम खर्च और आसानी से प्राप्त हो जाती हैं उसके लिए धातु कर्म में एक अलग नाम है, अयस्क। हम अपने आर्टिकल अयस्क किसे कहते हैं में अयस्क से संबंधित सारी विषयों का विस्तार से वर्णन करेंगे।
आज आप जिन प्रश्नों के उत्तर जानने वाले हैं बे कुछ इस प्रकार होंगे अयस्क किसे कहते हैं और इन के कितने प्रकार हैं? अयस्क से धातुओं का निष्कर्षण कैसे किया जाता है? भर्जन और निस्तापन किसे कहते हैं? खनिज और अयस्क में मुख्य अंतर कौन-कौन से हैं? अतः इन सभी महत्वपूर्ण प्रश्नों को समझने के लिए आपको यह लेख ध्यान पूर्वक पढ़ना होगा।
अयस्क किसे कहते हैं और यह कितने प्रकार के होते हैं?
अयस्क एक प्रकार की प्राकृतिक चट्टान है जिसमें एक या एक से अधिक खनिज पाए जाते हैं आमतौर पर धातुएं पाई जाती हैं। अयस्क के मुख्यता चार प्रकार होते हैं जो की इस प्रकार हैं: ऑक्साइड अयस्क (Oxide Ores), कार्बोनेट के अयस्क (Carbonate Ores), सल्फाइड अयस्क (Sulphide Ores) तथा Halide अयस्क।
विभिन्न धातुओं के अयस्क व उनके नाम
अयस्क की परिभाषा आपने आर्टिकल अयस्क किसे कहते हैं में ध्यान से पढ़ ली होगी। अब हम आपको विभिन्न धातुओं के अयस्कों के नाम बताएंगे और उनसे कौन सी धातु प्राप्त होती है यह बताने का पूर्ण प्रयास करेंगे।
- एल्युमिनियम के अयस्क को बॉक्साइट कहते हैं। जिसका अणु सूत्र Al2O3 होता है।
- बेरियम का अयस्क Barite कहलाता है। इसका अणु सूत्र BaSO4 होता है।
- Magnetite, हेमेटाइट, Siderite, लाइमोनाइट, Iron Pyrite आदि आयरन के अयस्क हैं।
- सीसा के अयस्क Galena, पायरोटाइट आदि हैं।
- टिन के अयस्क को Casirite कहते हैं।
- कैल्शियम कार्बोनेट और डोलोमाइट कैल्शियम धातु के अयस्क हैं।
- सोडियम का अयस्क चिली साल्टपीटर होता है।
- मैग्नीशियम का अयस्क Magnesite, Epsotite, डोलामाइट आदि हैं।
- एंटीमनी का अयस्क स्टीबनाइट होता है। एंटीमनी को सुरमा भी कहते हैं।
- टाइटेनियम का अयस्क इलमेनाईट होता है।
- पारा का अयस्क सिनाबार और Kelomale हैं।
- कॉपर के अयस्क कॉपर पायराइट, क्यूप्राइट, Chalcopyrite, Malachite आदि हैं।
- चांदी के अयस्क Azurite, Native सिल्वर आदि हैं।
संद्रित अयस्क से धातु निकालने की विधियां
हमारे आर्टिकल अयस्क किसे कहते हैं में सांद्रत अयस्क से धातु निकालने की दो विधियां बताइ गई जो की निम्न प्रकार हैं –
- संद्रित अयस्क का धातु ऑक्साइड में परिवर्तित होना
- धातु ऑक्साइड का धातु में परिवर्तित होना
संद्रित अयस्क का धातु ऑक्साइड में परिवर्तित होना
कार्बोनेट तथा सल्फाइड के अयस्क ऐसे होते हैं जिनका सीधे-सीधे अपचयन करना संभव नहीं है। इसलिए धातु निकालने से पहले इन अयस्कों को पहले ऑक्साइड में परिवर्तित किया जाता है। इसकी भी दो विधियां नीचे दी गई हैं, इनमें से किसी एक का प्रयोग किया जाता है।
निस्तापन (Calcination)
शान रितेश को वायु की अनुपस्थिति में इतना गर्म करते हैं कि वह पिघल न पाए, तो इस विधि को निस्तापन कहते हैं। इस विधि के द्वारा हाइड्रोक्साइड अयस्कों का जल निष्कासन किया जाता है। उदाहरण: Fe2O2.H2O से Fe2O3 + H2O बनना। निस्तापन में कार्बोनेटो का अपघटन हो जाता है।
उदाहरण: ZnCO3 से ZnO और CO2 बनना।
भर्जन (Roasting)
जब सांद्र अयस्क को वायु की उपस्थिति में इतना गर्म करते हैं कि वह पिघल ना पाए, तो इसी क्रिया को भर्जन कहते हैं। सामान्यता भर्जन की विधि सल्फाइड अयस्क में धातु निष्कासन में प्रयोग में लाई जाती है। भर्जन की विधि में एंटीमनी, सल्फर, आर्सेनिक आदि की अशुद्धियां वाष्प बन कर निकल जाती है।
धातु ऑक्साइड का धातु में परिवर्तित होना
जब हमें किसी धातु के ऑक्साइड से धातु को प्राप्त करना होता है तब हम इस धातु ऑक्साइड का अपचयन करते हैं। धातु ऑक्साइड के धातु में परिवर्तन की कुछ विधियां निम्नलिखित है-
कार्बन के द्वारा अपचयन
किसी धातु ऑक्साइड अयस्क जिनमें कॉपर, लोहा, जिंक की अशुद्धियों उपस्थित हूं तो ऐसे अयस्क को कार्बन के साथ गर्म करते हैं। यह धातु ऑक्साइड ऑक्सीजन गैस को निकालती है। इसमें मिला कार्बन ऑक्सीजन को ग्रहण कर लेता है और ऑक्सीकरण हो जाता है।
प्रगलन की क्रिया द्वारा
धातु ऑक्साइड से धातु निष्कासन की यह विधि बहुत ही प्रचलित है। इस विधि के द्वारा सोना, तांबा, चांदी जैसी धातुओं का निष्कासन किया जाता है। इस विधि में धातु ऑक्साइड को किसी ऑक्सीकारक पदार्थ या किसी अपचायक पदार्थ जैसे की कोक के साथ गलनांक से अधिक ताप पर गर्म किया जाता है। जिससे कि अशुद्धियां आधात्री धातुमल के रूप में बाहर निष्कासित हो जाती हैं और हमें शुद्ध धातुएं प्राप्त होती हैं।
विधुत अपघटनी विधि
इस विधि में कुछ सक्रिय धातु जैसे कि एलुमिनियम, सोडियम, पोटेशियम आदि का निष्कर्षण उनके Molten Salt के इलेक्ट्रोलिसिस से किया जाता है।
हाइड्रोजन के द्वारा अपचयन
जिन विधियों में धातु ऑक्साइड से धातु प्राप्त करने के लिए हाइड्रोजन का प्रयोग अपचायक के रूप में किया जाता है तो ऐसी प्रक्रिया हाइड्रोजन के द्वारा अपचायन कहलाती है।
अयस्क तथा खनिज में क्या अंतर है? What is difference between Ore and Mineral?
हम अपने आर्टिकल अयस्क किसे कहते हैं में अब आपको अयस्क तथा खनिज में अंतर बताने जा रहे हैं। अयस्क तथा खनिज में अंतर निम्नलिखित हैं –
- अयस्क से धातु में सरलता पूर्वक वह कम खर्चे में प्राप्त की जा सकती हैं परंतु खनिज से कोई धातु सरलता पूर्वक नहीं निकाली जा सकती क्योंकि उसमें कई धातुओं का मिश्रण होता है।
- सभी अयस्क खनिज होते हैं परंतु सभी खनिज अयस्क नहीं हो सकते हैं।
- अयस्क में अशुद्धियां कम मात्रा में होती है जबकि खनिजों में अशुद्धियां बहुत अधिक मात्रा में होती है।
- खनिजों से विभिन्न वस्तुएं प्राप्त हो सकती हैं जैसे पेट्रोलियम, कोयला, धातुएं आदि। परंतु अयस्कों से सिर्फ धातुएं और अधातुएं ही प्राप्त होती हैं।
- खनिजों को जमीन से खोद कर निकाला जाता है और अयस्कों को खनिजों से में चुना जाता है।
अयस्क से संबंधित अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (Frequently Asked Questions)
प्रश्न – अयस्क और खनिजों में क्या अंतर होता है?
उत्तर – अयस्क में पदार्थ होता है जिससे किसी धातु को कम खर्च में सरलता पूर्वक प्राप्त किया जा सकता है। पृथ्वी की पपड़ी में जो धातु नेचुरल रूप से पाई जाती हैं उन्हें खनिज कहते हैं।
प्रश्न – जिंक धातु के प्रमुख अयस्क के नाम क्या है?
उत्तर – जिंक ब्लेंड जिसे Sphalerite भी कहते हैं, जिंक का एक प्रमुख अयस्क है।
निष्कर्ष
हमारा यह आर्टिकल विज्ञान वर्ग के छात्रों के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है क्योंकि उनके विज्ञान के पाठ्यक्रम में धातु कर्म का एक पाठ दिया गया है। आर्टिकल अयस्क किसे कहते हैं पढ़ने के बाद उनके अयस्क से संबंधित सभी प्रश्न हल होने लगेंगे।