आवोगाद्रो का नियम क्या है? इसके उदाहरण, अनुप्रयोग तथा आवोगाद्रो संख्या
हेल्लो दोस्तों स्वागत है आपका हमारी हिंदी केमिस्ट्री की वेबसाइट पर। आज के इस आर्टिकल में हम आपको आवोगाद्रो का नियम क्या है? आवोगाद्रो संख्या किसे कहते हैं? आवोगाद्रो का नियम किसने दिया तथा आवोगाद्रो के नियम के उदाहरण क्या क्या हैं? इसके बारे में बिस्तार के साथ बताएँगे और इसके साथ साथ हम आपको आवोगाद्रो के नियम के अनुप्रयोग के बारे में विस्तार के साथ बताएँगे। आवोगाद्रो का नियम एक महत्वपूर्ण टॉपिक है जिसके बारे में केमिस्ट्री के स्टूडेंट को पता होना चाहिए इस टॉपिक के बारे में परीक्षाओं में प्रश्न पूछ लिए जाते हैं। इसलिए केमिस्ट्री के सभी स्टूडेंट को इसके बारे में पता होना चाहिए।
पिछले आर्टिकल में हमने आपको रेडियोएक्टिव पदार्थ क्या है? इसके बारे में बताया। जो एक महत्वपूर्ण टॉपिक है जिसके बारे केमिस्ट्री के सभी स्टूडेंट को पता होना चाहिए अगर आपने हमारा यह टॉपिक अभी तक नहीं पड़ा है तो आप हमारी इस हिंदी केमिस्ट्री की वेबसाइट से इस टॉपिक को पढ़ सकते हैं। आजके इस आर्टिकल में हम आपको आवोगाद्रो का नियम क्या है, आवोगाद्रो संख्या किसे कहते हैं? आवोगाद्रो का नियम किसने दिया, आवोगाद्रो का नियम उदाहरण तथा आवोगाद्रो के नियम के अनुप्रयोग के बारे में बताने वाले हैं। आवोगाद्रो के नियम से सम्बंधित जानकारी पाने के लिए इस आर्टिकल को अंत तक जरुर पढ़े। ताकि यह टॉपिक आपको अच्छे से समझ आ जाए।
आवोगाद्रो का नियम क्या है?
आवोगाद्रो का नियम गैस से सम्बंधित नियम है इसे आवोगाद्रो की परिकल्पना (Avogadro’s Hypothesis) और आवोगाद्रो के सिद्धांत के नाम से भी जाना जाता है इसका नाम अमेदिओ आवगाद्रो के नाम पर रखा गया। आवोगाद्रो ने एक परिकल्पना प्रस्तुत की जो निम्नलिखित है।
इस नियम के अनुसार सामान ताप और दाब पर विभिन्न गैसो के निश्चित आयतन में अणुओं की संख्या समान होती है इसे आवोगाद्रो का नियम (Avogadro’s Law) कहते हैं। माना X और Y दो गैसे हैं समान ताप और दाब पर इनका आयतन V है तो इन दोनों गैसो के अणुओं की संख्या भी समान n होगी।
यदि किसी गैस के स्थिर T(ताप) व P(दाब) पर प्रारंभिक मोलो की संख्या n1 व आयतन V1 है परन्तु मोलो की संख्या n2 करने पर आयतन V2 हो जाता है।
इस प्रकार दो गैसो के लिए यदि V1=V2 तो n1=n2 होगे। यदि n1=n2 तो V1=V2 होंगे।
जहाँ, V – आयतन तथा n मोलो की संख्या है।
इटली के वैज्ञानिक आवोगाद्रो ने 1811 में अणु और परमाणु में अंतर करते हुए बताया कि परमाणु किसी तत्व का वह सूक्ष्म कण होता है जो किसी रासायनिक अभिक्रिया में भाग लेता है। यह स्वतंत्र अवस्था में रह भी सकता है और नहीं भी रह सकता है। जबकि अणु पदार्थ का वह छोटे से छोटा कण है जिसमे पदार्थ के सरे गुण पाए जाते हैं जो स्वतंत्र अवस्था में रह सकता है। वैज्ञानिक आवोगाद्रो ने कहा कि गैसो में केवल अणु का स्वतंत्र अस्तित्व संभव है परमाणु का नहीं। इसलिए गैस के आयतन को उसमे उपस्थित अणुओं से व्यक्त करना चाहिए। इस प्रकार आवोगाद्रो ने इस सम्बन्ध व्यक्त को किया। “एक ही ताप तथा दाब पर सभी गैसो के सामान आयतन में अणुओं की संख्या सामान होती है।” इस प्रकार प्रारम्भ में इस सम्बन्ध को आवोगाद्रो की परिकल्पना कहा गया। बाद में जब प्रयोगों द्वारा इसका परिक्षण किया गया तो इसे आवोगाद्रो का सिद्धांत कहा जाने लगा। अब इस आवोगाद्रो का नियम कहते हैं।
आवोगाद्रो का नियम किसने दिया
आवोगाद्रो का नियम 1811 में आवोगाद्रो ने दिया कि समान ताप दाब पर सभी गैसो के निश्चित आयतन में अणुओं की संख्या सामान होनी चाहिए उन्होंने परमाणु और अणु के बीच अंतर की व्याख्या की जिसे आज आसानी से समझा जा सकता है यदि हम हाइड्रोजन और ऑक्सीजन के संयोग द्वारा जल बनाने की क्रिया को दोवारा देखे तो हम यह कह सकते हैं कि हाइड्रोजन के दो आयतन ऑक्सिजन का एक आयतन आपस में संयोग करके जल के दो आयतन देते हैं।
आवोगाद्रो संख्या किसे कहते हैं?
किसी भी गैस के एक ग्राम अणु भार में अणुओं की संख्या समान होती है इस संख्या को आवोगाद्रो संख्या कहते हैं। आवोगाद्रो की संख्या का मान विभिन्न विधियों से 6.022×1023 होता है। इसे N से प्रदर्शित करते हैं यह संख्या पांच विश्व स्थिरांको में से एक है। अथवा किसी पदार्थ के 1 मोल में उपस्थित कणों (परमाणु ,अणु या आयन) की संख्या 6.022×1023 होती है इसे ही आवोगाद्रो संख्या कहते हैं।
उदाहरण-(1) कार्बन (C) की द्रव्यमान संख्या (परमाणु भार) 12 होता है। अतः 1 मोल कार्बन = 12 ग्राम कार्बन
अर्थात 12 ग्राम कार्बन में कार्बन परमाणु की संख्या 6.022×1023 होगी।
(2) H2O (जल) का अनुभार 18 होता है। अतः 1 मोल जल = 18 ग्राम जल
अर्थात 18 ग्राम जल में जल के अणु (कणों) की संख्या 6.022×1023 होगी।
आवोगाद्रो के नियम के अनुप्रयोग
इस आर्टिकल में हमने ऊपर के लेख में आपको आवोगाद्रो का नियम क्या है? आवोगाद्रो का नियम किसने दिया तथा आवोगाद्रो संख्या किसे कहते हैं। इसके बारे में विस्तार से बताया है अब हम आपको आवोगाद्रो के नियम के अनुप्रयोग के बारे में बताते हैं। इसके अनुप्रयोग निम्नलिखित हैं।
- इस नियम के अनुसार गै-लुसाक के आयतन सम्बन्धी नियम की व्याख्या की जा सकती है।
- गैसो की परमाणुकता ज्ञात करने में आवोगाद्रो का नियम का उपयोग किया जाता है।
2H2 + O2 _________> 2H2O
इस प्रकार H2 के 2 अणु और ऑक्सीजन का 1 अणु आपस में मिलकर जल के दो अणु बनाते हैं।
- इसके द्वारा किसी गैस का अनुभार ज्ञात किया जा सकता है। सूत्र- 2 X वाष्पघनत्व
- इसके द्वारा आवोगाद्रो संख्या का निर्धारण किया जा सकता है।
निष्कर्ष
आज के इस आर्टिकल में हमने आपको आवोगाद्रो का नियम क्या है?आवोगाद्रो संख्या किसे कहते हैं? आवोगाद्रो का नियम किसने दिया तथा आवोगाद्रो के नियम के उदाहरण क्या क्या हैं? इसके बारे में बिस्तार के साथ बताया है और इसके साथ साथ हमने आपको आवोगाद्रो के नियम के अनुप्रयोग के बारे में विस्तार के साथ बताया है। यह एक महत्वपूर्ण टॉपिक है जिसके बारे में केमिस्ट्री के स्टूडेंट को पता होना चाहिए इस टॉपिक के बारे में परीक्षाओं में प्रश्न पूछ लिए जाते हैं। इसलिए केमिस्ट्री के सभी स्टूडेंट को इसके बारे में पता होना चाहिए। इसी तरह के केमिस्ट्री के नये नये टॉपिक की जानकारी पाने के लिए जुड़े रहिए हमारी हिंदी केमिस्ट्री की वेबसाइट के साथ तब तक के लिए धन्यवाद।