अम्ल किसे कहते हैं इसके उदाहरण, गुण, प्रकार, तथा उपयोग
नमस्कार दोस्तों हमारी केमिस्ट्री की हिंदी कि इस वेबसाइट पर आपका स्वागत है। आज हम जिस ने टॉपिक के बारे में बात करेंगे उसका नाम है अम्ल किसे कहते हैं? अम्ल एक ऐसा टॉपिक है जो विज्ञान वर्ग के हर छात्र के लिए जानना आवश्यक है। रसायन विज्ञान का आधार ही अम्ल जैसे कुछ महत्वपूर्ण पदार्थों से जुड़ा है। हम अपनी वेबसाइट पर प्रतिदिन केमिस्ट्री का एक नया लेख लेकर आते हैं। रसायन विज्ञान के सभी महत्वपूर्ण टॉपिक आपको हमारी इस वेबसाइट पर मिल जाएंगे।
अम्ल एक ऐसा टॉपिक है जिसके बारे में जानना बहुत ही आवश्यक हो जाता है जैसे कि अम्ल किसे कहते हैं, टमाटर में कौन सा अम्ल पाया जाता है, Acid Kya Hota Hai आदि। कक्षा 9 से लेकर उच्च कक्षाओं तक में अम्ल से संबंधित बहुत महत्वपूर्ण प्रश्न पूछे जाते हैं। अतः हर किसी छात्र को अम्ल के बारे में जानना बहुत आवश्यक हो जाता है। तो चलिए बिना किसी देर के शुरू करते हैं आज का जानकारी भरा टॉपिक।
अम्ल किसे कहते हैं? What is Acid in Hindi?
अम्ल एक ऐसा रासायनिक यौगिक है, जो जल के अंदर घुल कर हाइड्रोनियम आयन या हाइड्रोजन आयन (H+) देता है। वर्तमान आधुनिक परिभाषा के हिसाब से एक ऐसा रासायनिक योगिक है जो क्षार को हाइड्रोजन आयन देता है। सल्फ्यूरिक अम्ल, एसिटिक अम्ल आदि अम्ल के उदाहरण हैं। यह तीनों प्रकार की अवस्थाओं में पाए जा सकते हैं, अर्थात ये ठोस, द्रव और गैस हो सकते हैं। ऐसे पदार्थ जिनमें अम्ल के गुण होते हैं वे पदार्थ अम्लीय कहलाते हैं।
अम्ल के गुण
अब अपने इस लेख अम्ल किसे कहते हैं के माध्यम से हम आपको हम अम्लों के गुणों की व्याख्या करेंगे जो कि निम्न प्रकार हैं –
- ऐसे पदार्थों का पीएच का मान 7 से कम होता है।
- अम्ल जल से अभिक्रिया करके हाइड्रोजन आयन देते हैं।
- ये अम्लीय पदार्थ नीले लिटमस पेपर को लाल रंग में परिवर्तित कर देते हैं। यह स्वाद में खट्टे होते हैं।
- धातु के ऑक्साइड के साथ अभिक्रिया करके अम्ल, लवण और जल का निर्माण करते हैं।
क्षारों के साथ क्रिया करके भी यह लवण और जल का निर्माण करते हैं। इसके अलावा एंफोटेरिक ऑक्साइड के साथ भी है आसानी से क्रिया करके लवण और जल बनाते हैं। - किसी अमल को जल में मिलाने पर ऊष्मा उत्सर्जित होती है और उस सॉल्यूशन का ताप बड़ जाता है। यहां ध्यान देने योग्य बात है कि प्रबल अम्ल को कभी भी तनु (Dilute) करने के लिए उनमें जल नहीं मिलाते हैं बल्कि जल में हम लोग धीरे-धीरे अम्ल मिलाते हैं।
अम्ल के प्रकार
उपरोक्त पैराग्राफ में अम्ल किसे कहते हैं कि बारे में विस्तृत जानकारी जानने के बाद आप जानने जा रहे हैं कि अम्ल कितने प्रकार के होते हैं (Acid Kitne Prakar Ke Hote Hain), अम्ल के प्रकार निम्नलिखित हैं –
हाइड्रो अम्ल – यह उस प्रकार के अम्ल होते हैं जिनमें ऑक्सीजन नहीं होती है परंतु इसके अलावा हाइड्रोजन के साथ अन्य अधात्विक तत्व होते हैं। जैसे कि हाइड्रोफ्लोरिक अम्ल (HF), हाइड्रोक्लोरिक अम्ल (HCl), हाइड्रोब्रॉमिक अम्ल (HBr) आदि।
ऑक्सी अम्ल – इस प्रकार के अमृत जल में हाइड्रोजन और ऑक्सीजन के साथ कोई अन्य तत्व भी उपस्थित होते हैं ऑक्सी अम्ल कहलाते हैं। उदाहरण के लिए फास्फोरस क्लोरस अम्ल, नाइट्रिक अम्ल, सल्फ्यूरिक अम्ल।
प्रबल अम्ल – ऐसे अम्ल जो जल में घुलने पर पूरी तरह से आयनित हो जाते हैं प्रबल अम्ल कहलाते हैं। ऐसे की हाइड्रोजन क्लोराइड एसिड।
दुर्बल अम्ल – यह ऐसे अम्ल होते हैं जो जलीय विलयन में आंशिक रूप से आयनित होते हैं दुर्बल अम्ल कहलाते हैं। example ; CH3COOH etc.
अम्ल के स्रोत
यह हमें कई प्रकार से प्राप्त होते हैं जैसे कि कुछ प्राकृतिक स्रोत होते हैं और कुछ आर्टिफिशली लैब में तैयार किए जाते हैं।
- एसिटिक अम्ल में सिरका या आचार से प्राप्त होता है।
- टार्टरिक अम्ल का स्रोत अंगूर और इमली है।
- टमाटर में सिट्रिक एसिड पाया जाता है।
- बेनजोइक अम्ल का स्रोत घास और पत्ते हैं।
- सल्फ्यूरिक अम्ल हरा कसीस से प्राप्त होता है।
- मैलिक अम्ल का स्रोत सेब में पाया जाता है।
अम्लीय वर्षा किसे कहते हैं?
इस प्रकार की भाषा में प्रदूषण और रासायनिक तत्वों का मिश्रण होता है। पृथ्वी पर जब इस वर्षा की बूंदे गिरती है तो उनमें अम्लीय सांद्रता का अंश पाया जाता है जिसका प्रभाव जीव-जंतुओं पर बहुत बुरा पड़ता है। अम्लीय वर्षा के कारण ही वातावरण बुरी तरह से प्रभावित होता जा रहा है और पेड़ पौधों के साथ-साथ अन्य जीवन जंतुओं को नुकसान पहुंचता है। अम्लीय वर्षा के बारे में सबसे पहले वैज्ञानिक रॉबर्ट स्मिथ ने बताया था।
अम्लीय वर्षा दो प्रकार की होती है। जिसमें प्रथम प्रकार की वर्षा गीली अम्लीय वर्षा तथा दूसरे प्रकार की सूखी अम्लीय वर्षा कहलाती है।
अम्लीय वर्षा का मुख्य कारण कार्बन डाइऑक्साइड गैस है जो पृथ्वी के वायुमंडल में पाई जाती है। यह कार्बन डाइऑक्साइड गैस वातावरण में उपस्थित जलवाष्प के साथ अभिक्रिया करके कार्बनिक एसिड का निर्माण करती है जिसके कारण अम्लीय वर्षा होती है। इसके अलावा वायुमंडल में सल्फर ऑक्साइड और नाइट्रोजन के ऑक्साइड का उत्सर्जन होने के कारण सल्फ्यूरिक अम्ल और नाइट्रिक अम्ल की जैसे अम्लों का निर्माण होता है जिससे अम्लीय वर्षा बनती है।
अम्ल के उपयोग
एक बहुत महत्वपूर्ण रासायनिक पदार्थ है जिसका उपयोग हमारे दैनिक जीवन के साथ-साथ और औषधियां तथा विभिन्न प्रकार के पदार्थों आदि बनाने में किया जाता है। हाइड्रोक्लोरिक अम्ल नाइट्रिक अम्ल और सल्फ्यूरिक अम्ल व्यवसाय की दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण माने जाते हैं। हाइड्रोक्लोरिक अम्ल का उपयोग क्लोराइड और क्लोरीन गैस बनाने में किया जाता है। नाइट्रिक अम्ल के उपयोग की बात की जाए तो इससे फर्टिलाइजर्स और विस्फोटक तथा रंग और औषधि बनाने इस्तेमाल किया जाता है।
सल्फ्यूरिक अम्ल का इस्तेमाल धावन सोडा प्लास्टिक आर्टिफिशियल फाइबर बनाने में किया जाता है इसके अतिरिक्त का प्रयोग पेट्रोलियम उद्योगों तथा लेड बैटरी में भी किया जाता है।
निष्कर्ष
उम्मीद करते हैं आप हमारा यह आज का लेख अम्ल किसे कहते हैं (Acid Kise Kahte Hain) अच्छे से समझ में आया होगा। हमने इस लेख में अम्ल से संबंधित बहुत सारी जानकारी साझा की जैसे कि Acid Kya Hai, अम्लीय वर्षा आदि। इस लेख से जुड़े किसी भी प्रश्न पूछने के लिए आप हमें नीचे कमेंट सेक्शन के माध्यम से पूछ सकते हैं बहुत जल्द मिलेंगे एक नए लेख के साथ तब तक के लिए नमस्कार।