एल्कीन क्या है? इसका सूत्र, बनाने की विधि तथा संरचना
दोस्तों स्वागत है आपका हमारी हिंदी केमिस्ट्री की इस वेबसाइट पर। आज के इस आर्टिकल में हम आपको एल्कीन किसे कहते हैं? एल्कीन का सूत्र क्या होता है? एल्कीन बनाने की विधि क्या होती है इसके बारे में विस्तार के साथ बताएँगे। इसके साथ साथ हम आपको एल्कीन की संरचना क्या होती है तथा एल्कीन के उपयोग क्या होते हैं? इसके बारे में जानेंगे। यह एक बहुत महत्वपूर्ण टॉपिक है। जिसके बारे में केमिस्ट्री के प्रत्येक स्टूडेंट्स को पता होना चाहिए। इस टॉपिक से सम्बंधित प्रश्न परीक्षाओं में पूछ लिए जाते हैं। इसलिए इस टॉपिक को ध्यानपूर्वक पढ़े।
पिछले आर्टिकल में हमने आपको साबुन क्या है? इसके बारे में विस्तार के साथ बताया। जो एक बहुत महत्वपूर्ण टॉपिक है जिसके बारे में परीक्षाओं में प्रश्न पूछ लिए जाते हैं। यदि आपने अभी तक हमारा यह आर्टिकल नहीं पढ़ा है तो आप हमारी हिंदी केमिस्ट्री की इस वेबसाइट पर इस आर्टिकल को पढ़ सकते हैं। आज के इस आर्टिकल में हम आपको एल्कीन किसे कहते हैं। एल्कीन का सूत्र क्या होता है? एल्कीन बनाने की विधि क्या होती है इसके बारे में विस्तार के साथ बताने वाले हैं। इसके साथ साथ हम आपको एल्कीन की संरचना क्या होती है तथा एल्कीन के उपयोग क्या होते हैं? इसके बारे में जानें बताने वाले हैं। एल्कीन से सम्बंधित जानकारी पाने के लिए इस आर्टिकल को अंत तक जरूर पढ़े।
एल्कीन किसे कहते हैं? (एल्कीन क्या है?)
एल्कीन एक असंतृप्त रासायनिक यौगिक होता है। इसमें कार्बन कार्बन के बीच डबल बौंड (Double Bond) पाया जाता है। इनको ओलेफिन या ओलेफाइन के नाम से भी जाना जाता है। सबसे सरल अचक्रिय एल्कीन वे होते हैं जिनमे सिर्फ एक Double Bond पाया जाता है। और कोई क्रियात्मक समूह नहीं होता है। ये आपस में मिलकर एक समस्वरूप हाइड्रोकार्बन की रचना करते हैं। एल्कीन का साधारण सूत्र (General Formula) CnH2n होता है। सबसे सरल एल्कीन, एथिलीन (C2H4) है यह इस ग्रुप का प्रथम सदस्य होता है। एल्कीनो को ओलेफिन भी कहा जाता है। एल्कीन के Double Bond का दूसरा नाम Ethylenic Bond या Olefinic Bond होता है।
नोट – CH2 कोई एल्कीन नहीं है लेकिन यह एक अस्थाई मुक्त मूलक है। इसकी संयोजकता 2 होती है।
एल्कीन का साधारण सूत्र = CnH2n
एल्कीन का नामकरण
इससे ऊपर के लेख में हमने आपको एल्कीन किसे कहते हैं? एल्कीन का सामान्य सूत्र क्या होता है? इसके बारे में विस्तार के साथ बताया है। अब हम आपको एल्कीन के नामकरण के बारे में बताते हैं। कुछ एल्कीन का नामकरण निम्न प्रकार है।
निरर्थक पद्धति (Trivial system)
CH2 = CH2 या C2H4 → Ethylene
CH3 – CH = CH2 या C3H6 → Propylene
CH3 – CH2 – CH = CH2 या C5H10 → Butylene
CH3 – CH2 – CH2 – CH = CH2 → Pentylene
इस पद्धति से एल्कीन के सभी समावयवियो (Isomerism) के नाम नहीं लिखे जा सकते हैं। यह इस पद्धति की एक बहुत बड़ी कमी है।
Ethylene substituent के रूप में
CH2 = CH2 → Ethylene
CH3 – CH = CH2 → Methyl Ethylene
CH3 – CH = CH – CH3 → symmetric di Methyl Ethylene
CH3 – CH2 – CH = CH2 → asymmetric di Methyl Ethylene या Ethyl Ethylene
IUPAC System
एल्कीन का IUPAC बनाते समय इसमें ene जोड़ देते हैं। (alk + ene)
CH3 – CH = CH2 → Propene
CH3 – CH2 – CH = CH2 → Butene
एल्कीनो के निर्माण की विधियाँ
इससे ऊपर के लेख में हमने आपको एल्कीन किसे कहते हैं? एल्कीन का सामान्य सूत्र क्या होता है? इसके बारे में विस्तार के साथ बताया है। इसके साथ साथ हमने आपको एल्कीनो के नामकरण के बारे में बताया है। अब हम आपको एल्कीनो के निर्माण की विधियों के बारे में बताते हैं। एल्कीनो का निर्माण निम्न विधियों के द्वारा किया जा सकता है।
एल्कोहल के निर्जलीकरण द्वारा
यदि आप एल्कोहल में से पानी को निकाल दोगे तो आपको एल्कीन प्राप्त हो जाएगा। इसके लिए हम एल्कोहल को निर्जलीकारक (Con. H2SO4) के साथ गर्म करते हैं। इस प्रकार हमें एल्कीन प्राप्त हो जाता है।
R – CH2 – CH2OH _Con. H2SO4__> R – CH = CH2 + H2O
CH3 – CH2OH _Con. H2SO4 __> CH2 = CH2 + H2O
एल्काइन के द्वारा
लिंडलार उत्प्रेरक की उपस्थिति में एल्काइन हाइड्रोजन के द्वारा अपचयित होकर एल्कीन देती है।
CH ≡ CH + H2 ___Pd/C_____> CH2 = CH2 (एथीन)
एल्कीन की संरचना
हमने ऊपर के लेख में आपको एल्कीन किसे कहते हैं? एल्कीन का सामान्य सूत्र क्या होता है? इसके बारे में विस्तार के साथ बताया है। इसके साथ साथ हमने आपको एल्कीनो के नामकरण के बारे में बताया है। अब हम आपको एल्कीन की संरचना के बारे में विस्तार के साथ बताते हैं। एल्कीन में कार्बन कार्बन के बीच ( = ) double bond होता है। जिसमे एक प्रबल बन्ध होता है और एक दुर्बल बंध होता है। सभी एल्कीनो में द्विआबंध परमाणु पर sp2 संकरण होता है। प्रत्येक कार्बन परमाणु से दो हाइड्रोजन परमाणु σ बंध द्वारा जुड़े होते हैं और H-C-H के बीच 120o का कोण होता है।
एल्कीन के गुण
एल्कीन के गुण निम्नलिखित हैं।
- एल्कीनो के गलनांक, क्वथनांक तथा आपेक्षिक घनत्व अणुभार के बढ़ने पर बढ़ते जाते हैं।
- एल्कीन श्रेणी का प्रथम सदस्य एथिलीन तथा द्वितीय सदस्य प्रोपिलीन होता है।
- एल्कीन जल में विलेय होती है परन्तु कार्बनिक विलायक जैसे अल्कोहल, ईथर और बेंजीन में विलेय होती है।
- सभी एल्कीन वायु में प्रकाश युक्त लॉ के साथ जलती हैं।
- एल्कीन श्रेणी के प्रथम तीन सदस्य गैसें हैं। अगले 14 सदस्य द्रव हैं। इससे अधिक सदस्य ठोस होते हैं।
निष्कर्ष
आज के इस आर्टिकल में हमने आपको एल्कीन किसे कहते हैं? एल्कीन का सूत्र क्या होता है? एल्कीन बनाने की विधि क्या होती है इसके बारे में विस्तार के साथ बताया है। इसके साथ साथ हम आपको एल्कीन की संरचना क्या होती है तथा एल्कीन के गुण कौन कौन से होते हैं? इसके बारे में विस्तार के साथ बताया है। इसी प्रकार के महत्वपूर्ण टॉपिक की जानकारी हम अपनी इस वेबसाइट पर देते रहते हैं। केमिस्ट्री के अन्य महत्वपूर्ण टॉपिक की जानकारी पाने के लिए जुड़े रहिए हमारी हिंदी केमिस्ट्री की इस वेबसाइट के साथ तब तक के लिए धन्यवाद।