रसायन विज्ञान के जनक कौन है? Father Of Chemistry in Hindi?
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रसायन विज्ञान के पिता किसे कहते हैं?
रसायन विज्ञान जिसे हम केमिस्ट्री के नाम से जानते हैं। यह दो शब्दों रस + आयन से मिलकर बना होता है। जिसका अर्थ होता है रसों यानि द्रवों का अध्यन। केमिस्ट्री शब्द की उत्पत्ति यूनानी भाषा के कीमिया शब्द से हुई है। जिसका अर्थ होता है धातु निर्माण की तकनीक एंटोनी लेवोजियर को ही ज्यादातर देशों में रासायन विज्ञान का जनक माना जाता है। उनके द्वारा लिखी गयी पुस्तक “तत्वों के रसायन” के कारण उन्हें केमिस्ट्री का पिता कहा जाता है। इनकी इस पुस्तक में हाइड्रोजन और ऑक्सीजन का पता लगाने का वर्णन है।
रॉबर्ट बॉयल, जोन्स वेर्सेलियस, जब्बर इब्न हायेंन और जॉन डाल्टन को कुछ देशो में या कुछ समय पहले इन वैज्ञानिकों को केमिस्ट्री का पिता माना जाता था। लेवोजियर का पूरा नाम Antoine Laurent de Lavoisier है। इनका जन्म फ़्रांस के पेरिस शहर में 26 अगस्त 1973 में हुआ था इनकी मृत्यु 1994 में लगभग 50 वर्ष की आयु में हो गयी। संसार में पहली बार हाइड्रोजन और ऑक्सीजन का अविष्कार इन्होने ही किया था। इन्हें आधुनिक रासायन का जनक कहता जाता है। रसायन और जीव विज्ञान के क्षेत्र में एंटोनी लेवोजियर का बहुत बड़ा योगदान रहा है।
भारतीय रसायन विज्ञान के जनक कौन हैं?
इससे ऊपर के लेख में हमने आपको रसायन विज्ञान के जनक कौन हैं? इसके बारे में विस्तार के साथ बताया है। अब हम आपको भारतीय रसायन विज्ञान के जनक कौन है इसके बारे में बताते हैं। भारत के रसायन विज्ञान के जनक का नाम प्रफुल्ल चन्द्र रे थे। इन्होने भारत में रसायन शास्त्र की जानकारी को फैलाया। रासायन शास्त्र भारत में बहुत पहले से है लेकिन इसकी लिखित में कोई जानकारी न होने को बजह से भारतीय वैज्ञानिक और अन्य देशों के वैज्ञानिकों का मत यही है कि फ्रांस देश में ही रासायन विज्ञान के बारे में सबसे पहले जाना गया।
रसायन विज्ञान की परिभाषा
इससे ऊपर के लेख में हमने आपको रासायन विज्ञान के जनक कौन हैं? या रसायन विज्ञान के पिता किसे कहा जाता है? तथा भारतीय रासायन विज्ञान के जनक कौन हैं। इसके बारे में विस्तार के साथ बताया है। अब हम आपको रसायन विज्ञान की परिभाषा के बारे में विस्तार के साथ बताते हैं। विज्ञान की वह शाखा जिसमें पदार्थों के रसायनिक संगठन, रासायनिक संरचना तथा रसायनिक गुणों का अध्यन किया जाता है। उसे रसायन विज्ञान कहते हैं। अथवा रासायनिक विज्ञान की वह शाखा जिसके अंतर्गत पदार्थों के गुणधर्म, संगठन, संरचना तथा इसमें होने वाले परिवर्तन का अध्यन किया जाता है उसे रसायन विज्ञान कहते हैं।
रसायन शास्त्र का इतिहास
रसायन शास्त्र का इतिहास बहुत ही पुराना इतिहास माना जाता है। हजारों वर्ष पहले भारत में रसायन का ज्ञान बहुत ही चरम सीमा पर था। नागार्जुन रसायन ज्ञान के लिए व बालभट अपने ओषधीय ज्ञान के लिए व नागार्जुन अपने रासायन ज्ञान के लिए प्रसिद्ध थे। भारत में रहने वाले ज्यादातर लोग धातु शुद्ध करना, औषधि विज्ञान से परिचित थे। भारत से ही यह ज्ञान विश्व के विभिन्न देशों में पहुँचा। इसके अलावा रसायन विज्ञान की उत्पत्ति मिश्र देश में मानी जाती है। अग्रेजी में इसे केमिस्ट्री के नाम से जाना जाता है। जिसकी उत्पत्ति मिश्र में पाई जाने वाली काली मिट्टी से हुई है। वहां के लोग इसे केमी कहते थे। प्रारम्भ में केमिस्ट्री के अध्धयन को केमिटिंग कहा जाता था। प्राचीन काल में रहने वाले मिश्रवासी कांच, साबुन और रंग को बनाने की विधियों को जानते थे।
भारत में आधुनिक रसायन का इतिहास
भारत में पश्चिम बंगाल के कोलकाता में 1814 में भारतीय विज्ञान कॉलेज की स्थापना हुई। आचार्य प्रफुल्ल चन्द्र राय ने बंगाल केमिकल एण्ड फार्मास्यूटिकल वर्क्स लिमिटेड नामक कारखाने का निर्माण करके लगभग 80 नये योगिकों का निर्माण किया था। यह पहले भारतीय रसायन वैज्ञानिक थे जिन्होंने मर्क्युरस नाइट्रेट बनाया था। भारत में शोध एवं अध्यन के लिए अनेक संस्थान स्थापित किये गए हैं जिनमें प्रमुख संस्थान निम्नलिखित हैं।
- नेशनल शुगर रिसर्च इंस्टीट्यूट कानपुर (उत्तर प्रदेश)
- सेन्ट्रल फूड टेक्नोलॉजीकल रिसर्च इंस्टीट्यूट, मैसूर (कर्नाटक)
- सेन्ट्रल फ्यूड रिसर्च इंस्टीट्यूट, धनवाद (कानपुर)
- इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ़ पेट्रोलियम, देहरादून (उत्तरांचल)
- नेशनल केमिकल लेबोरेटो, पुणे (महाराष्ट्र)
निष्कर्ष
आज के इस आर्टिकल में हमने आपको रासायन विज्ञान के जनक कौन हैं? या रासायन विज्ञान के पिता किसे कहते हैं? इसके बारे में विस्तार के साथ बताया। इसके साथ साथ हमने आपको रासायन विज्ञान की परभाषा क्या होती है? या रासायन शास्त्र किसे कहते हैं। तथा रासायन शास्त्र का इतिहास क्या है? इसके बारे में विस्तार के साथ बताया। इस टॉपिक के बारे में केमिस्ट्री के सभी स्टूडेंट्स को पता होना चाहिए। इसी प्रकार के महत्वपूर्ण टॉपिक की जानकारी हम अपनी इस वेबसाइट पर देते रहते हैं। इसी प्रकार के अन्य महत्वपूर्ण टॉपिक की जानकारी पाने के लिए जुड़े रहिए हमारी हिंदी केमिस्ट्री की इस वेबसाइट के साथ तब तक के लिए धन्यवाद।