कैनिजारो अभिक्रिया क्या है इसके उदाहरण और समीकरण लिखिए
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पिछले आर्टिकल में हमने आपको संयोजन अभिक्रिया किसे कहते हैं? इसके बारे में विस्तार से बताया। जो एक बहुत महत्वपूर्ण टॉपिक है जिसके बारे में केमिस्ट्री के सभी स्टूडेंट्स को पता होना चाहिए। अगर आपने अभी तक हमारा यह टॉपिक नहीं पढ़ा है तो आप हमारी हिंदी केमिस्ट्री की इस वेबसाइट से इस टॉपिक को पढ़ सकते हैं। आज के इस आर्टिकल में हम आपको कैनिजारो अभिक्रिया किसे कहते है कैनिजारो अभिक्रिया के उदाहरण क्या होते हैं? इसके बारे में विस्तार से बताने वाले हैं। कैनिजारो अभिक्रिया के बारे में विस्तार से जानने के लिए हमारे इस आर्टिकल को अंत तक जरूर पढ़े। ताकि यह टॉपिक आपको अच्छी तरह से समझ आ सके। तो बिना किसी देरी के शुरू करते हैं आजका टॉपिक।
कैनिजारो अभिक्रिया क्या है (परिभाषा)
अल्फ़ा हाइड्रोजन विहीन Aldehydes को सांद्र NaOH के साथ गर्म करते हैं तो इस क्रिया में एक Alcohol तथा एक वसीय अम्ल का लवण प्राप्त होता है। इसी अभिक्रिया को हम कैनिजारो अभिक्रिया कहते हैं। या एल्डिहाइड (R-CHO), जिनमे अल्फ़ा हाइड्रोजन परमाणु नहीं होते हैं, सान्द्र क्षार (NaOH या KOH) के उपस्थिति में स्वऑक्सीकरण या अपचयन की अभिक्रिया प्रदर्शित करते हैं। इस अभिक्रिया में एल्डिहाइड का एक अणु अल्कोहल में अपचयित हो जाता है। तथा दूसरा अणु कर्बोक्सलिक अम्ल के लवण में ऑक्सिकृत हो जाता है।
2HCHO + KOH _____गर्म_____> CH3OH + HCOOK
2C6H5CHO + NaOH _____गर्म ______> C6H5CH2OH + C6H5COONa
कैनिजारो अभिक्रिया की अवधारणा
कैनिजारो अभिक्रिया की खोज 1851 में स्टानिस्लो कैनिजरो ने की थी। इस खोज के समय वे जीनोआ विश्वविद्यालय में थे। एल्डिहाइड के दो अणु परस्पर संयुक्त होकर क्षार के साथ एक अणु एल्कोहल तथा एक अणु कार्बोक्सिलिक अम्ल के सोडियम लवण बनते हैं यह अभिक्रिया कैनिजारो अभिक्रिया कहलाती है। या जिन एल्डिहाइड में अल्फ़ा कण नहीं होते हैं उन्हें सान्द्र क्षारीय विलयन के साथ गर्म करने पर परस्पर आकसीकरण – अपचयन होकर एक अणु एल्कोहल तथा एक अणु अम्ल का प्राप्त होता है।
- यह अभिक्रिया एक प्रबल क्षार की क्रिया के फलस्वरूप होती है।
- ये एल्कोहल के अणु और कार्बोक्सिलिक अम्ल के अणु बनाने के लिए एक प्रबल क्षारक की क्रिया के तहत अन्तः अणुक या अंतरा आण्विक रिडोक्स अभिक्रिया करते हैं।
कैनिजारो अभिक्रिया किसमें होती है?
कैनिजारो अभिक्रिया एक अनुपात हीनता प्रतिक्रिया है। जिसमे एक एल्डिहाइड के दो अणु एक प्राइमरी अल्कोहल और एक कार्बोक्सिलिक अम्ल प्राप्त करने के लिए एक हाइड्रोक्साइड बेस के साथ जुड़ते हैं। ये बेंजेल्डिहाइड के उदाहरण में एक उदाहरण है। जो बेंजिल अल्कोहल को बेन्जोइक एसिड बनाता है और अनुपातहीनता एक रिडोक्स अभिक्रिया है जिसमे एक ऑक्सीकरण रसायन दो अलग अलग यौगिको में परिवर्तित होता है इनमे एक उच्च होता है और एक निम्न होता है।
कैनिजारो अभिक्रिया के उदाहरण में बेंजेल्डिहाइड, वैनिलीन और फार्मल्डिहाइड शामिल होते हैं। जिनमे सक्रिय हाइड्रोजन की कमी है। कार्बोक्सिलिक एसिड और अल्कोहल अणु बनाने के लिए उन्हें एक मजबूत आधार ऑक्सीकरण अभिक्रिया के अनुसार किया जाता है।
कैनिजारो अभिक्रिया किस प्रकार होती है?
कैनिजारो अभिक्रिया में दो एल्डिहाइड अणुओं से एक अल्कोहल और एक कर्बोक्सिलिक अम्ल के अणु को प्राप्त करने के तरीके का विस्तार से वर्णन किया गया है। वैज्ञानिक स्टानिस्लो कैनिजरो ने 1851 में बेंजिल अल्कोहल और पोटेशियम बेन्जोइट को बेन्जेल्डिहाइड से प्राप्त किया। एक एल्डिहाइड को न्यूक्लियोंफ़ाइल एसाइल द्वारा छोड़े गए समूह में बदल दिया जाता है। जहाँ अन्य एल्डिहाइड पर हमला किया जाता है। कार्बोनिल पर हाइड्रोक्साइड के हमले का परिणाम टेट्राहेड्रल इंटरमिडीएट है। यह मध्यवर्ती टेट्राहेड्रल को हटाता और सुधरता है। जो दूसरे पर हमला करता है।
इसके बाद एक एसिड और अल्कोहोलिक आयन की अदला बदली की जाती है। यदि उच्च सांद्रता वाले आहार की आपूर्ति की जाती है तो एल्डिहाइड दो के आवेश के साथ एक ऋणात्मक आयन देता है। एक एल्डिहाइड जो कार्बोक्सिलेट और अल्कोहल से बना होता है। एल्डिहाइड के दूसरे अणु में प्रेषित होता है। अल्कोहल आयन अतिरिक्त विलायक से अभिक्रिया के लिए एक प्रोटोन प्रदान करता है।
यह अभिक्रिया तीन भागो में पूर्ण होती है।
भाग 1
एक न्युक्लियोफाइल, हाइड्रोक्साइड के रूप में, एल्डिहाइड में कार्बोनिल के समूह पर हमला करने के लिए उपयोग किया जाता है। जो एक असमान प्रतिक्रिया का कारण बनता है और दो ऋणात्मक आयन आयनों को ले जाने की ओर जाता है।
भाग 2
यह मध्यवर्ती उत्पाद अब हाइड्राइड में कमी के रूप में कार्य कर सकता है। यह मध्यवर्ती अपनी अस्थिर प्रकृति के कारण एक हाइड्राइड आयन जारी करता है। यह ऋणात्मक आयन हाइड्राइड एल्डिहाइड के एक और अणु पर हमला करता है। अब दोगुना आवेशित ऋणायन कर्बोक्सिलेट के लिए ऋणात्मक आयन बन जाता है और एल्डिहाइड अल्कोहल के लिए ऋणायन बन जाता है।
भाग 3
इस अंतिम भाग में पानी अल्कोहल आयन को प्रोटोन प्रदान करता है। जो अंतिम अल्कोहल उत्पाद बनाता है। अब जब एसिड का उपयोग किया जाता है तो कार्बोक्सिलेट आयन कार्बोक्सिलिक एसिड का अंतिम उत्पाद बनाता है।
पूछे गए प्रश्न (FAQ)
प्रश्न- अल्फ़ा हाइड्रोजन किसे कहते हैं?
उत्तर- आज जानते हैं यदि एल्डिहाइड ग्रुप होगा तो उसमे CHO लगा होता है इस प्रकार किसी भी क्रियात्मक समूह के पास वाला जो कार्बन होता है उसे अल्फ़ा कार्बन कहते हैं। और इस कार्बन के साथ जो हाइड्रोजन होता है उसे अल्फ़ा हाइड्रोजन कहते हैं। CH3-CHO में अल्फ़ा हाइड्रोजन की संख्या 3 है। इस प्रकार कैनिजारो अभिक्रिया वह एल्डिहाइड देते हैं जिनके पास अल्फ़ा हाइड्रोजन नहीं होता है।
प्रश्न- किसके पास अल्फ़ा हाइड्रोजन नहीं होता है?
उत्तर- फॉर्मल्डिहाइड (HCHO) के पास अल्फ़ा हाइड्रोजन नहीं होता है। क्योकि इसके पास कोई अल्फ़ा कार्बन नहीं होता है इसलिए यह कैनिजारो अभिक्रिया देता है।
निष्कर्ष
आज के इस आर्टिकल में हमने आपको कैनिजारो अभिक्रिया क्या है? कैनिजारो अभिक्रिया किसे कहते है कैनिजारो अभिक्रिया के उदाहरण क्या होते हैं? इसके बारे में बताया है। इसके साथ साथ हम आपको कैनिजारो अभिक्रिया किसमें होती है? और कैनिजारो अभिक्रिया किस प्रकार होती है? इसके बारे में विस्तार के साथ बताया है। यह एक महतवपूर्ण टॉपिक है? इस टॉपिक से सम्बंधित प्रश्न परीक्षाओं में पूछ लिए जाते हैं इसलिए इस टॉपिक के बारे में केमिस्ट्री के सभी स्टूडेंट्स को पता होना चाहिए। इसी प्रकार के टॉपिक की जानकारी हम अपनी इस वेबसाइट पर देते रहते हैं। अन्य महत्वपूर्ण टॉपिक की जानकारी पाने के लिए जुड़े रहिए हमारी हिंदी केमिस्ट्री वेबसाइट के साथ तब तक के लिए धन्यवाद।