नाभिक क्या है इसकी परिभाषा, संरचना, कार्य और त्रिज्या का सूत्र
परमाणु किसी भी पदार्थ का सूक्ष्म कण होता है। तथा दुनिया में जितने भी पदार्थ बने हुए हैं वह किसी न किसी तत्व से मिलकर बने होते हैं और तत्व परमाणु से मिलकर बने होते हैं। नमस्कार दोस्तों स्वागत है आपका एक बार फिर से हमारे इस केमिस्ट्री के हिंदी ब्लॉग में। आज हम आपको विस्तार से बताएंगे कि परमाणु का नाभिक क्या है। कक्षा 9 से ही परमाणु के बारे में पढ़ाना शुरू कर दिया जाता है। और उच्च कक्षाओं में इसका विस्तृत रूप देखने को मिलता है। अतः इसलिए ही हम यह लेख आपके लिए लेकर आए हैं, जिसमें हमने नाभिक के बारे में बहुत सरल भाषा में आपको हर चीज समझाने का प्रयास किया है।
कुछ महत्वपूर्ण प्रश्नों जिनकी आज हम बात करेंगे वे कुछ इस प्रकार होंगे की नाभिक क्या है, Nabhik Ki Khoj Kisne Ki, परमाणु के नाभिक में होते हैं, Nabhik Ki Trijya Kitni Hoti Hai आदि। इन प्रश्नों को आप अच्छे से समझलें और याद कर ले ताकि इससे संबंध यदि कोई प्रश्न परीक्षा में पूछा जाए तो आप उसका अच्छे से उत्तर कर पाए। परमाणु के बारे में और विस्तार से जानने के लिए आप हमारी वेबसाइट पर उपस्थित पुराने आर्टिकल्स को पढ़ सकते हैं। चलिए शुरू करते हैं अपना आज का यह लेख नाभिक क्या है।
परमाणु का नाभिक क्या है?
किसी परमाणु का केंद्रीय भाग ठोस होता है जैसे नाभिक कहते हैं। अर्थात परमाणु के केंद्र को भी नाभिक कहा जाता है। परमाणु के नाभिक में कुछ कण पाए जाते हैं जिन्हें हम प्रोटॉन और न्यूट्रॉन कहते हैं। नाभिक के बाहरी क्षेत्र में चारों ओर इलेक्ट्रॉन चक्कर लगाते रहते हैं। नाभिक की खोज वैज्ञानिक रदरफोर्ड ने सन 1911 में अपने एक प्रयोग अल्फा प्रकीर्णन प्रयोग के दौरान की थी। हमारे आसपास की जितनी भी वस्तुएं हैं बस सब के सब परमाणु से मिलकर बनी है, तथा उन सबके अंदर इलेक्ट्रॉन, प्रोटॉन और न्यूट्रॉन होते हैं। नाभिक के भीतर उपस्थित प्रोटोनों की संख्या को परमाणु का परमाणु क्रमांक कहा जाता है।
परमाणु नाभिक का आकार
वैसे तो विभिन्न तत्वों के हिसाब से परमाणु का आकार भी भिन्न-भिन्न होता है। परमाणु की सामान्यता त्रिज्या 0.37 angstrom से 2.62 Angstrom के बीच में होती है। अर्थात परमाणु की त्रिज्या का परास 10 -8 सेंटीमीटर की श्रेणी में आता है। अब आप सोच रहे होंगे कि Parmanu Ke Nabhik Ka Aakar Kitna Hota Hai? तो अगर नाभिक की त्रिज्या की बात की जाए तो यह 10 -12 सेंटीमीटर की श्रेणी में आता है। यहां से यह स्पष्ट हो जाता है कि परमाणु की त्रिज्या और नाभिक की त्रिज्या में लगभग 10000 गुना का अंतर होता है। अर्थात परमाणु का आकार नाभिक की तुलना में 10000 गुना बड़ा होता है। इस हिसाब से अगर हम आयतन की तुलना करें तो परमाणु का आयतन यदि नाभिक की तुलना में देखा जाए तो नाभिक से 1012 गुना अधिक पाया जाता है।
नाभिक की त्रिज्या का सूत्र R = R0 A x1/3
नाभिक का आकार उसके परमाणु के आकार का 10000 में हिस्सा होता है। इसको एक बहुत सरल उदाहरण से इस प्रकार समझ सकते हैं कि परमाणु का आकार यदि फुटबॉल के एक मैदान के बराबर हो तो उस मैदान में रखी बॉल का आकार नाभिक के आकार को दर्शाता है।
नाभिक की संरचना और संगठन
इसके अंदर उपस्थित प्रोटॉन और न्यूट्रॉन, इलेक्ट्रॉन की तुलना में भारी कण होते हैं। प्रोटॉन पर धन आवेश होता है तथा न्यूट्रॉन पर किसी भी प्रकार का कोई भी आदेश नहीं होता है अर्थात यह विद्युत उदासीन कण होते हैं। नाभिक में उपस्थित प्रोटॉन और न्यूट्रॉन को संयुक्त रूप से न्यूक्लियोन कहा जाता है। हम यह भी कह सकते हैं कि न्यूट्रॉन और प्रोटॉन का संयुक्त नाम न्यूक्लियोंन होता है। न्यूक्लियन की संख्या को ही परमाणु द्रव्यमान कहा जाता है।
रदरफोर्ड का अल्फा कण प्रकीर्णन प्रयोग
अब हम आपको न्यूक्लियस की खोज (Nabhik Ki Khoj) कैसे हुई थी यह बताने जा रहे हैं। इस लेख नाभिक क्या है में यह विस्तार से समझाया गया है।
जब रदरफोर्ड ने अल्फा कण प्रकीर्णन प्रयोग किया था तो उसके आधार पर उन्होंने परमाणु का एक नाभिकीय मॉडल प्रस्तुत किया। जिसे रदरफोर्ड का परमाणु मॉडल कहा जाता है। इस प्रयोग में अगर कोर्ट ने एक खाली कमरे में सोने की पतली झिल्ली पर अल्फा कणों की बौछार कराई थी। इन्होंने एक दर्शन पट्टिका लगाई थी जिस पर इन्हें कुछ चित्र दिखाई दिए जिससे इन्होंने कुछ परिणाम निकालें जो कि निम्न प्रकार हैं –
- उन्होंने देखा कि अधिकतर Alpha Particle अपने मार्ग से विक्षेपित हुए बिना सीधे निकल गए हैं। इससे उन्होंने यह पता लगाया कि परमाणु का आंतरिक भाग लगभग खाली होता है।
- उन्होंने देखा कि कुछ ऐसा कर 90 डिग्री पर या उससे अधिक Angle पर विचलित हो गए हैं। ऐसा इसलिए हुआ होगा की धन आवेशित अल्फा कण परमाणु के किसी भारी भाग से टकराए होंगे, जो की धन आवेशित होगा। परमाणु के इस भारी भाग को रदरफोर्ड ने नाभिक का नाम दिया।
- अल्फा कण अपने अंदर कुछ द्रव्यमान मान रखते हैं। और यह नाभिक (Nucleus) द्वारा विक्षेपित भी हो जाते हैं। इससे यह स्पष्ट होता है कि परमाणु का संपूर्ण द्रव्यमान नाभिक में ही समाहित होता है। अर्थात परमाणु का द्रव्यमान नाभिक में केंद्रित होता है।
- बहुत कम ही अल्फा कर ऐसे थे जो अपने मार्ग पर सीधे वापस लौट कर आए थे। इससे यह स्पष्ट होता है कि परमाणु के नाभिक का आकार, परमाणु के आकार की तुलना में बहुत ही छोटा है।
उपरोक्त बताए गए निष्कर्षों से यह साफ पता चलता है कि नाभिक क्या है, और उसकी संरचना कैसी हो सकती है।
निष्कर्ष
हमारा आजकल एक परमाणु का नाभिक क्या है के बारे में था। जिसमें हमने बहुत सारे प्रश्नों को विस्तार से समझाया और आपको परमाणु की संरचना और कार्य के बारे में भी बताया। यदि आपको हमारा यह लेख पसंद आया हो तो आप इसे अन्य लोगों में भी पहुंचा सकते हैं। बहुत जल्दी मिलेंगे एक नए लेख के साथ, तब तक के लिए नमस्कार साथियों।