एनोड और कैथोड क्या है? इनके आवेश और चिन्ह की पूरी जानकारी
हेल्लो दोस्तों स्वागत है आपका हमारी हिंदी केमिस्ट्री की वेवसाइट पर। आज हम आपको एनोड और कैथोड क्या है इसके बारे में जानकारी प्राप्त कराएँगे।इसके साथ साथ हम आपको एनोड और कैथोड किससे मिलकर बने होते हैं? एनोड कैथोड में क्या अंतर होता है? कैथोड की विशेषताएँ कौन कौन सी होती हैं? तथा एनोड की विशेषताएँ क्या होती हैं? इसके बारे में बताएँगे। बैसे तो एनोड और कैथोड का ज्ञान हर व्यक्ति को होना चाहिए लेकिन रासायन शास्त्र से जुड़े छात्र के लिए इसकी जानकारी होना बहुत ही जरूरी होता है। जिसके कारण किसी सेल में कैथोड और एनोड को पहचान सकते हैं।
पिछले आर्टिकल में हमने आपको फैराडे का नियम क्या है? इसके बारे में महत्वपूर्ण जानकारी दी। आज हम आपको एनोड और कैथोड के बारे में जानकारी देंगे। अपनी कक्षाओं में आपने एनोड और कैथोड के बारे में तो पढ़ा ही होगा। आप ये भी पढ़ चुके होगे एनोड (Anode) पर सकारात्मक चार्ज होता है जबकि कैथोड (Cathode) नकारात्मक चार्ज होता है। एनोड और कैथोड से सम्बंधित सभी महत्वपूर्ण जानकारी हम आज के इस आर्टिकल में देने वाले हैं। तो विना किसी देरी के शुरू करते हैं अपना आज का टॉपिक कैथोड और एनोड।
कैथोड और एनोड
जब भी हम कैथोड और एनोड की बात करते हैं तो हमें सबसे पहले बैट्री के बारे में पता होना चाहिए। लेकिन अगर हमें इसके बारे में पता नहीं है तो हमें सर्किट या उससे सम्बंधित चीजो को समझने में काफी मुश्किल होगी। जब हम किसी भी बेट्री को देखते है तो उसमे दो एंड होते हैं। उनमे से एक कैथोड और एक एनोड होता है। इसमें हमें जिस बात में डाउट रहता है वह यह रहता है कि इनमे से कौन सा टर्मिनल एनोड है और कौन सा टर्मिनल कैथोड है।कैसे पता करें उसपर सकारात्मक चिन्ह होता है या नकारात्मक। इसलिए आज हमने इस बात का गौर किया क्यों न हम आपको कैथोड और एनोड के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करें। जिससे आपके सभी डाउट क्लियर हो जाएँ। तो अब विना किसी देरी के शुरू करते है आज का आर्टिकल।
कैथोड और एनोड में जो मुक्य अंतर होता है वो यह होता है एनोड एक ऐसा टर्मिनल होता है जहाँ करंट बाहर से डिवाइस के भीतर फ्लो करता है। वही कैथोड की बात करें तो यह एक ऐसा टर्मिनल होता है। जहाँ करंट डिवाइस के बाहर होता है। लेकिन ध्यान रखे यह प्रयोग कुछ कंडीशन में लागू नहीं होता है। क्योंकि जब कोई डिवाइस व्युक्रम प्रोसेस से गुजरता है तो जिसे एनोड कहा जाता है उसे अब कैथोड कहा जाएगा। इसमें बहुt सी कंडीशन उत्पन्न होती हैं। एनोड और कैथोड विपरीत ध्रुवीयता वाले इलेक्ट्रोड होते हैं।
Cathode क्या है?
कैथोड वह इलेक्ट्रोड है जिसमे सेल में करंट प्रवेश करता है। हम इसे ऋणात्मक इलेक्ट्रोड भी कहते हैं। कैथोड धनात्मक आवेशित आयन के लिए इलेक्ट्रान प्रदान करता है। इलेक्ट्रोकेमिकल सेल में धनात्मक टर्मिनल को हम कैथोड कहते हैं। इसका मतलब है जब कभी विद्युत रासायनिक सेल की बात होगी तो कैथोड हमारा धनात्मक होगा। जबकि विद्युत अपघटक सेल में ऋणात्मक टर्मिनल को कैथोड कहते हैं। कैथोड विद्युत अपघटन सेल में ऋणात्मक हो सकता है और गैल्वेनिक सेल में धनात्मक हो सकता है।
Anode क्या है?
एनोड वह इलेक्ट्रोड है जहाँ पर ऑक्सीडेशन होता है। इसे हम धनात्मक इलेक्ट्रोड़े भी कहते हैं।इलेक्ट्रो केमिकल सेल में ऋणात्मक टर्मिनल को हम एनोड कहते हैं। इसका मतलब है जब कभी विद्युत रासायनिक सेल की बात होगी तो एनोड हमारा ऋणात्मक होगा। जबकि विद्युत अपघटक सेल में धनात्मक टर्मिनल को एनोड कहते हैं। जब डिवाइस डिस्चार्ज हो रहा होता है तब कैथोड से करंट प्रवाहित होता है। अतः जब डिवाइस को चार्ज किया जा रहा होता है तब उसकी दिशा उलट जाती है और एनोड कैथोड के रूप में कार्य करने लगता है। एक साधारण बैट्री में तीन भाग होते है। एनोड कैथोड और इलेक्ट्रोलाइट।
एनोड धनात्मक होता है या ऋणात्मक- एनोड धनात्मक भी हो सकता है और ऋणात्मक भी हो सकता है। जब आप किसी सेल को विद्युत देते हैं तो एनोड धनात्मक होगा और जब आप किसी सेल से विद्युत लेते हैं तो एनोड ऋणात्मक होगा। अर्थात जब हम बात करते हैं विद्युत रासायनिक सेल की तब एनोड ऋणात्मक होता है यदि हम बात करें विद्युत अपघटन सेल की तो एनोड धनात्मक होता है।
एनोड और कैथोड में अंतर
एनोड और कैथोड के बीच अंतर को जानने के लिए हमें सबसे पहले यह जानना जरूरी होता है कि एनोड और कैथोड क्या है? जिनके बारे में आपने ऊपर के लेख में पढ़ा है।
- जब भी हम किसी बैट्री या सर्केट को देखते है तो हमें उसमे दो सिरे दिखाई देते हैं इन्हें हम टर्मिनल कहते हैं इनमे से एक टर्मिनल धनात्मक होता है दूसरा ऋणात्मक होता है।
- जब हम बैट्री को चार्ज करते हैं तो कैथोड ऋणात्मक हो जाता है और एनोड धनात्मक हो जाता है।
- बैट्री में एनोड दूसरो को इलेक्ट्रोने देता है जिस कारण उसके पास इलेक्ट्रान की कमी हो जाती है।इसलिए उसपर धनात्मक चार्ज होता है। और कैथोड इलेक्ट्रोन को दूसरो से लेता है जिस कारण उसके पास इलेक्ट्रान की अधिकता होती है। इसलिए उसपर ऋणात्मक चार्ज होता है।
- कैथोड में इलेक्ट्रोन बाहर से बहते हैं और एनोड में डिवाइस के अन्दर से इलेक्ट्रोन फ्लो होते हैं।
- कैथोड और एनोड अपने काम के अनुसार ही अपने चार्ज को चेंज करते हैं।
एनोड और कैथोड वे इलेक्ट्रोड होते हैं जिनका उपयोग विजली के किसी भी उपकरण में या विद्युत धारा के संचालन के लिए किया जाता है। इलेक्ट्रोड तांबा , निकल तथा जस्ता आदि धातु के बने होते हैं।
निष्कर्ष
आज के इस आर्टिकल में हमने आपको कैथोड एनोड क्या हैं? कैथोड किसे कहते हैं? और एनोड किसे कहते हैं? इसके बारे में बताया है। इसके साथ साथ हमने कैथोड और एनोड में क्या अंतर होता है इसके बारे में बताया है। यह टॉपिक आज का बहुत ही महत्वपूर्ण टॉपिक है। इस टॉपिक को प्रत्येक व्यक्ति को पता होना चाहिए। ये टॉपिक हमारे स्कूल कॉलेज के अलावा भी बहुत महत्वपूर्ण है। क्योंकि अधिकतर विद्युत से जुड़ी चीजो में एनोड और कैथोड होते हैं। इसी तरह के टॉपिक की नई नई जानकारी हम अपनी हिंदी केमिस्ट्री की वेवसाइट पर देते रहते हैं। इसी प्रकार की जानकारी पाने के लिए जुड़े रहिए हमारे साथ तब तक के लिए धन्यवाद।