अवशोषण किसे कहते हैं – What is Absorption in Chemistry? (Hindi)

अवशोषण किसे कहते हैं
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नमस्कार दोस्तों हिंदी केमिस्ट्री किस वेबसाइट पर आपका एक बार फिर से बहुत स्वागत है। आज हम आपको एक नए विषय के बारे में जानकारी देंगे जिसका नाम है अवशोषण किसे कहते हैं। इसके बारे में आपने कक्षा 12 में और कक्षा 10 में जरूर सुना होगा और पढ़ा होगा परंतु यदि आप इसके बारे में विस्तार से जानना चाहते हैं तो आज का यह लेख आपके लिए खास होने वाला है। भौतिक रसायन किस शाखा के अंतर्गत यह विषय आता है। परीक्षा की दृष्टि से भी अति महत्वपूर्ण टॉपिक होने के कारण आने से अपने लेख में शामिल किया है।

आज हम जिन महत्वपूर्ण प्रश्नों की बात करेंगे वह कुछ इस प्रकार है कि अवशोषण किसे कहते हैं अवशोषण का अर्थ क्या होता है , (absorption kise kahte hain), हम इसके प्रकारों के बारे में आपको विस्तार से बताएंगे अच्छा उदाहरण सहित आपको सरल भाषा में समझाने का प्रयास करेंगे। आपको बस हमारा यही लेख last तक पढ़ना है। इसके अतिरिक्त आप केमिस्ट्री के अन्य आर्टिकल्स को भी हिंदी में हमारी वेबसाइट से पढ़ सकते हैं। चलिए शुरू करते हैं अपना आज का लेख।

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अवशोषण किसे कहते हैं? (Absorption Kya Hai?)

अवशोषण वह प्रक्रिया होती है जिसमें किसी पदार्थ के अणु या परमाणु किसी अन्य पदार्थ में समा जाते हैं, अवशोषण कहलाता है। यह कैसी प्रक्रिया है जिसमें एक पदार्थ के समान रूप से दूसरे पदार्थ के अंदर वितरित हो जाते हैं। शायद आपने अधिशोषण के बारे में सुना होगा। यह अधिशोषण से भिन्न है क्योंकि अधिशोषण में कोई पदार्थ किसी दूसरे पदार्थ की ऊपरी सतह पर चिपक जाता है, और कोई भी कण या पदार्थ दूसरे पदार्थ या कण के भीतर प्रवेश नहीं करता है।  उम्मीद करते हैं आपको avshoshan kise kahate hain समझ में आया होगा।

absorption kya hai

अधिशोषण को परिभाषित कीजिए

अधिशोषण एक ऐसी घटना है जिसमें परमाणु, अणु या आयन के रूप में कण किसी अन्य पदार्थ की सतह पर एक पतली फिल्म बनाते हैं जिस पर वह अधिशोषित हो जाता है। उनके संपर्क में आने पर ठोस सतह तरल या गैस के अणुओं को अपनी ओर आकर्षित करती है।

कुछ महत्वपूर्ण परभाषाएं

अधिशोषक किसे कहते हैं?

वह सतह जहाँ ये अधिशोषक चिपक जाते हैं, अर्थात् जहाँ अधिशोषण होता है, अधिशोषक कहलाता है। अधिशोषक के उदाहरण सिलिका जेल, एल्यूमिना जेल, सक्रिय चारकोल, ग्रेफाइट आदि हैं।

अधिशोष्य किसे कहते हैं?

वह पदार्थ जिसके कण (परमाणु, अणु या आयन) सतह पर चिपक जाते हैं, अधिशोष्य कहलाते हैं।

अवशोषक किसे कहते हैं?

जिस पदार्थ को किसी अन्य पदार्थ में सोखना या अवशोषित करना होता है, उसे अवशोषक कहते हैं।

शोषक किसे कहते हैं?

वह सतह जहाँ ये अवशोषित होते हैं अवशोषित हो जाते हैं। संक्षेप में, यह एक ऐसी सामग्री है जो तरल को आसानी से अवशोषित कर सकती है जिसे अवशोषक के रूप में जाना जाता है।

अवशोषण के प्रकार

अधिशोष्य और अधिशोषक अणुओं के बीच बनने वाले बंधों के प्रकार के आधार पर अवशोषण को दो प्रकारों में विभाजित किया जाता है: भौतिक अवशोषण और रासायनिक अवशोषण।

अवशोषण का अर्थ

भौतिक अवशोषण

यह एक अवशोषण प्रक्रिया है जिसमें अवशोषित और शोषक के अणुओं के बीच कोई प्रतिक्रिया नहीं होती है। अवशोषण के लिए कमजोर भौतिक बंधन जिम्मेदार होते हैं। उदाहरण के लिए, पानी में ऑक्सीजन गैस का अवशोषण। 

रासायनिक अवशोषण

यह एक अवशोषण प्रक्रिया है जिसमें अवशोषित और शोषक के अणुओं के बीच एक रासायनिक प्रतिक्रिया होती है। रासायनिक अवशोषण का सबसे अच्छा उदाहरण भोजन का पाचन है।

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अवशोषण और अधिशोषण में अंतर

यह दोनों शब्द काफी अलग है। और दोनों की परिभाषाएं भी काफी अलग है। अवशोषण और अधिशोषण में अंतर निम्नलिखित हैं –

अधिशोषण

अवशोषण

इसके अंतर्गत अधिशोषित होने वाले पदार्थ किसी दूसरे पदार्थ पर चिपक कर एक परत बना लेते हैं। इसे देखते हम कह सकते हैं कि यह एक परतीय प्रक्रिया है। यह प्रक्रिया अधिशोषण की सतह पर ही पूर्ण रूप से घटित हो सकती है। इसके अंतर्गत अवशोषित होने वाले पदार्थ दूसरे पदार्थ के संपूर्ण आयतन में एक समान रूप से फैल जाते हैं। कहने का मतलब यह है कि अधिशोषित पदार्थ अधिशोष्य के ऊपर संपूर्ण भाग में समान रूप से वितरित हो जाते हैं।
शुरुआत में यह प्रक्रिया तेजी से चलती है अर्थात इस प्रक्रिया या अभिक्रिया का वेग तीव्र होता है परंतु जैसे-जैसे समय बीतता है इसकी गति मंद हो जाती है। इसमें शुरू से लेकर अंत तक एक समान ही वेग रहता है और एक समान रूप से चलती रहती है। 
अधिशोषण की अभिक्रिया ऊष्माक्षेपी होती है क्योंकि अभिक्रिया के समय ऊष्मा का उत्सर्जन होता है। अवशोषण की प्रक्रिया अभिक्रिया में ऊष्मा की आवश्यकता होती है अर्थात यह ऊष्माशोषी अभिक्रिया होती है।
यह प्रक्रिया ताप के द्वारा प्रभावित हो जाती है।
अवशोषण की अभिक्रिया ताप के द्वारा बिल्कुल भी प्रभावित नहीं होती है।
अधिशोषण के उदाहरण जैसे कि सिलिका जेल पर चल पासबुक अधिशोषण, चारकोल की सतह पर गैस का अधिशोषण होना आदि।
अवशोषण के उदाहरण जैसे कि स्पंज द्वारा पानी को अपने अंदर सोखना, पानी द्वारा कार्बन डाइऑक्साइड का अवशोषण करना आदि।

दैनिक जीवन में अवशोषण के उदाहरण

हमारे दैनिक जीवन में अवशोषण के अनेक उदाहरण हैं।

  • प्रकाश का अवशोषण एक बहुत ही सामान्य घटना है, जब सूर्य का प्रकाश घास पर पड़ता है, तो यह लाल, नारंगी, पीला, नीला, नील, और बैंगनी प्रकाश को अवशोषित करता है और केवल हरा रंग परिलक्षित होता है। अतः घास का रंग हरा दिखाई देता है।
  • एक काली सतह इसलिए दिखाई देती है क्योंकि यह सभी रंगों यानी लाल, नारंगी, पीला, हरा, नीला, नील, और बैंगनी प्रकाश को अवशोषित कर लेती है।
  • रसोई में गिरा दूध तौलिये से सोख लिया जाता है।
  • कागज़ के तौलिये से पानी में भिगोना अवशोषण का एक उदाहरण है।
  • जब चॉक को स्याही में कुछ समय के लिए डुबाया जाता है तो यह अवशोषण के कारण स्याही का रंग धारण कर लेता है।
  • अवशोषण के कारण ऑक्सीजन और कार्बन डाइऑक्साइड पानी में घुल जाते हैं।
  • पानी द्वारा अमोनिया गैस का अवशोषण
  • रक्त द्वारा पचे हुए भोजन का अवशोषण हमारे शरीर में होता है और फिर भोजन से ये पोषक तत्व शरीर के अन्य अंगों तक पहुँचाए जाते हैं।
  • हमारे रक्तप्रवाह द्वारा दवाओं और दवाओं का अवशोषण।
  • त्वचीय अवशोषण यानी त्वचा के माध्यम से सूर्य के प्रकाश का अवशोषण।

निष्कर्ष

आज के लेख में आपने जाना की अवशोषण किसे कहते हैं। अवशोषण के कितने प्रकार होते हैं अवशोषण और अधिशोषण में क्या अंतर है आदि (Absorption Kya Hai)। आशा करते हैं आपको हमारा आज का यह लेख पसंद आया होगा। टॉपिक से संबंधित किसी भी प्रश्न के लिए आप कमेंट सेक्शन में पूछ सकते हैं। बहुत जल्द मिलेंगे एक नए आर्टिकल के साथ तब तक के लिए नमस्कार।

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